नॉर्विच (यूके): ट्विटर ने हाल ही में घोषणा की कि वह अब ‘निजी मीडिया, जैसे कि निजी व्यक्तियों की तस्वीरों या वीडियो को उनकी सहमति के बिना साझा करने’ की अनुमति नहीं देगा. यह फैसला सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की निजी सूचना और मीडिया नीति के विस्तार के बाद प्रभावी हुआ है.
आसान भाषा में समझे तो इसका मतलब है कि यदि फ़ोटोग्राफ़र ने किसी तस्वीर या वीडियो को ट्विटर पर साझा करने से पहले उन लोगों से सहमति प्राप्त नहीं की है जिनकी वह फोटो है, तो फोटो और वीडियो को हटाया जा सकता है. जो लोग बिना सहमति के अपनी तस्वीर ऑनलाइन शेयर किए हुए देखें, वे पोस्ट की रिपोर्ट कर सकते हैं, और फिर ट्विटर तय करेगा कि इसे हटाया जाना है या नहीं.
ट्विटर के मुताबिक, यह परिवर्तन ‘मीडिया और सूचना, जो ऑनलाइन कहीं और उपलब्ध नहीं है, का दुरुपयोग किसी को परेशान करने, डराने और उसकी पहचान को उजागर करने के लिए किए जाने को लेकर बढ़ती चिंताओं के जवाब में आया है.’
यह कदम हालांकि व्यक्तिगत गोपनीयता की अधिक सुरक्षा की ओर एक बदलाव का संकेत देता है, लेकिन इसको लागू करने और इसके कार्यान्वयन को लेकर कुछ सवाल बरकरार हैं.
कुछ यूरोपीय देशों – उदाहरण के लिए फ्रांस में, फ्रांसीसी नागरिक संहिता के अनुच्छेद 9 के तहत किसी की तस्वीर के अधिकारों को लेकर एक मजबूत गोपनीयता संस्कृति है – यूके में इस तरह के अधिकारों की इतनी मजबूत परंपरा नहीं है.
इसका मतलब यह है कि कोई व्यक्ति अपनी छवि को खुले आम ऑनलाइन प्रसारित होने से रोकने के लिए ज्यादा कुछ नहीं कर सकता है, जब तक कि इसे सीमित कानूनी सुरक्षा के दायरे में नहीं माना जाता है. उदाहरण के लिए, प्रासंगिक परिस्थितियों में किसी व्यक्ति को आपराधिक न्याय और न्यायालय अधिनियम 2015 की धारा 33 के तहत संरक्षित किया जा सकता है, जो फोटो-आधारित यौन शोषण से जुड़ा है. यदि फोटो को कॉपीराइट या डेटा सुरक्षा प्रावधानों का उल्लंघन करने वाला माना जाता है तो कानूनी सुरक्षा भी उपलब्ध हो सकती है.
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शोध
एक शोध में इंग्लैंड और वेल्स में रहने वाले 189 वयस्कों का तस्वीरों को ऑनलाइन, विशेष रूप से सोशल मीडिया के जरिए साझा किए जाने के उनके अनुभवों के आधार पर सर्वेक्षण किया. मेरे निष्कर्ष इस साल की शुरुआत में प्रकाशित हुए थे.
हालांकि सर्वेक्षण में शामिल कुछ लोगों को परेशान नहीं किया गया था या कुछ खुद की ऑनलाइन साझा की गई तस्वीरों को देखकर भी खुश थे, दूसरों के लिए, उन तस्वीरों को देखना जिन्हें उन्होंने पोस्ट करने के लिए सहमति नहीं दी थी, उन्हें असहज कर गया. एक प्रतिभागी ने कहा, ‘सौभाग्य से मैं बहुत बुरा नहीं लग रहा था और कुछ भी बेवकूफी नहीं कर रहा था, लेकिन मैं सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित होने वाली छवियों को नियंत्रित करना पसंद करूंगा.’
दूसरे ने कहा:
मेरी अनुमति के बिना मेरी तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर किए जाने को लेकर मैं काफी गुस्से में था.
उत्तरदाताओं में उन लोगों की तादाद ज्यादा थी, जिन्होंने व्यक्तिगत अधिकारों के कानूनी संरक्षण में वृद्धि का समर्थन किया, जिसका अर्थ है कि उनकी छवि का उपयोग सहमति के बिना नहीं किया जा सकता है (55% सहमत, 27% निश्चित नहीं थे और 18% असहमत थे). इस बीच, 75% उत्तरदाताओं ने महसूस किया कि सोशल मीडिया साइटों को गोपनीयता की रक्षा करने में बड़ी भूमिका निभानी चाहिए.
शोध में पाया कि लोग इस संबंध में जरूरी कानूनी सुरक्षा नहीं मांग रहे थे. कई लोग किसी न किसी तरह के रास्ते की तलाश में थे, जैसे कि फोटो खिंचवाने वाले व्यक्ति के अनुरोध पर बिना अनुमति के सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई तस्वीरों को हटा दिया जाए.
ट्विटर का नीति परिवर्तन एक व्यावहारिक समाधान पेश करता है, जिससे व्यक्तियों को उनकी तस्वीर का उपयोग करने के तरीके पर अधिक नियंत्रण मिलता है. सुरक्षा के दृष्टिकोण से यह कुछ समूहों के लिए मददगार हो सकता है, जिनकी ट्विटर ने पहचान की है, उनमें महिलाएं, कार्यकर्ता, असंतुष्ट और अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्य शामिल हैं. उदाहरण के लिए, एक ऐसी महिला जो घरेलू हिंसा का शिकार होते होते बची है, अगर उसकी लोकेशन को उजागर करने वाली फोटो सोशल मीडिया पर डाल दी जाएगी और अगर उसे उसपर हमला करने वाले ने देख लिया तो इससे वह महिला खतरे में पड़ सकती है.
यह नियम उन बच्चों के लिए भी मददगार हो सकता है, जिनके माता पिता उनकी तरह तरह की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा करते हैं. बच्चे बड़े होने पर अगर उन तस्वीरों को सोशल मीडिया पर नहीं देखना चाहते हैं तो उन्हें हटवा सकते हैं.
शुरुआती समस्याएं
इस बदलाव को लेकर कुछ वर्ग, खास तौर से कुछ फोटोग्राफर नाराज हैं. नागरिक स्वतंत्रता समूह बिग ब्रदर वॉच ने ‘अत्यधिक व्यापक’ होने के लिए नीति की आलोचना की है, यह तर्क देते हुए कि यह ऑनलाइन सेंसरशिप को बढ़ावा देगा.
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह किसी की तस्वीर को साझा करने पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं है. ट्विटर ने कहा है कि ऐसे चित्र या वीडियो जो लोगों को सार्वजनिक कार्यक्रमों (जैसे बड़े विरोध प्रदर्शन या खेल आयोजन) में भाग लेते हुए दिखाते हैं, आम तौर पर नीति का उल्लंघन नहीं करेंगे.
वे कई अपवादों की ओर भी ध्यान आकर्षित करते हैं, जिसमें यह भी शामिल है कि जहां फोटो समाचार योग्य है, सार्वजनिक हित में है, या जहां विषय एक सार्वजनिक व्यक्ति है. तो जनहित की व्याख्या कैसे की जाएगी, इसमें अधिक स्पष्टता से लाभ होगा. इसी तरह, यह नीति मीडिया पर कैसे लागू होगी, यह पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है.
निश्चित रूप से ऐसे मुद्दे हैं जिन्हें दूर करने की आवश्यकता है. लेकिन अंततः, इस नीति परिवर्तन में व्यक्तिगत गोपनीयता की रक्षा करने और तस्वीरों को साझा करने के लिए अधिक सुविचारित दृष्टिकोण की सुविधा प्रदान करने की क्षमता है.
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