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Saturday, 2 November, 2024
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देशमुख मामले में ED ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्य सचिव सीताराम कुंटे का दर्ज किया बयान

कुंटे सुबह करीब 11 बजे दक्षिण मुंबई के बलार्ड एस्टेट स्थित एजेंसी के कार्यालय पहुंचे. छह घंटे से भी ज्यादा समय तक अपना बयान दर्ज कराने के बाद वह शाम को 5:20 बजे ईडी के दफ्तर से निकले.

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मुंबईः प्रवर्तन निदेशालय ने राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ धन शोधन से जुड़े मामले की जांच के संबंध में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्य सचिव सीताराम कुंटे का मंगलवार को छह घंटे से अधिक समय तक बयान दर्ज किया.

अधिकारी ने बताया कि फिलहाल महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के प्रधान सलाहकार के रूप में काम कर रहे कुंटे सुबह करीब 11 बजे दक्षिण मुंबई के बलार्ड एस्टेट स्थित एजेंसी के कार्यालय पहुंचे. छह घंटे से भी ज्यादा समय तक अपना बयान दर्ज कराने के बाद वह शाम को 5:20 बजे ईडी के दफ्तर से निकले.

केन्द्रीय एजेंसी के दफ्तर से निकलते समय कुंटे ने पत्रकारों से कहा, ‘ईडी ने मुझे अनिल देशमुख के मामले में कुछ जानकारी लेने के लिए बुलाया था. उसी अनुसार, मैंने उन्हें जानकारी मुहैया करायी है.’

यह पूछने पर कि क्या ईडी उनसे राज्य में पुलिसकर्मियों के तबादलों में कथित अनियमितताओं के बारे में जानना चाहती थी, कुंटे ने कहा, ‘हां, उसी बारे में.’

सूत्रों के अनुसार, एजेंसी ने कुंटे को पहले भी सम्मन किया था, लेकिन अपनी व्यवस्तताओं के कारण वह ईडी के समक्ष उपस्थित नहीं हो सके थे.

ईडी ने करोड़ों रुपये के धन शोधन के मामले में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेता देशमुख को गिरफ्तार किया है. वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं.

गौरतलब है कि ईडी ने हाल ही में निलंबित किये गए मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह से भी महाराष्ट्र पुलिस में कथित अनियमितताओं से जुड़े़ धन शोधन के मामले में पूछताछ की थी.

सिंह ने देशमुख पर गृहमंत्री रहते हुए भ्रष्टाचार और अन्य अनियमितताएं करने का आरोप लगाया था.

मुंबई के पुलिस आयुक्त पद से हटाए जाने के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में सिंह ने आरोप लगाया था कि राज्य के तत्कालीन गृहमंत्री देशमुख ने सेवा से बर्खास्त किए गए पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को मुंबई के बार और रेस्तरां से हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली करने को कहा था.

बंबई उच्च न्यायालय के आदेश पर सामान्य मामला दर्ज किए जाने के बाद सीबीआई ने शुरुआती जांच की और इसी आधार पर ईडी ने देशमुख और अन्य के खिलाफ अपना मामला बनाया.


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