ब्रसेल्स: कोविड-19 महामारी फैलने के तकरीबन दो साल बाद दुनिया बीते दिनों सामने आए वायरस के नए स्वरूपों से संभवत: अधिक खतरनाक एक और नये स्वरूप से जूझती नजर आ रही है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक समिति ने कोरोनावायरस के नये स्वरूप को ‘ओमीक्रॉन’ नाम दिया है और इसे ‘बेहद संक्रामक चिंताजनक स्वरूप’ करार दिया है. इससे पहले इस श्रेणी में कोरोनावायरस का डेल्टा स्वरूप था जिससे यूरोप और अमेरिका के कई हिस्सों में लोगों ने बड़े पैमाने पर जान गंवाई.
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने नए स्वरूप के बारे में कहा, ‘ऐसा लगता है कि यह तेजी से फैलता है.’ नयी यात्रा पाबंदियों की घोषणा करते हुए उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘मैंने फैसला किया है कि हम सतर्कता बरतेंगे.’
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि ओमीक्रॉन के वास्तविक खतरों को अभी समझा नहीं गया है लेकिन शुरुआती सबूतों से पता चलता है कि अन्य अत्यधिक संक्रामक स्वरूपों के मुकाबले इससे फिर से संक्रमित होने का जोखिम अधिक है. इसका मतलब है कि जो लोग कोविड-19 से संक्रमित हो चुके हैं और उससे उबर गए हैं, वे फिर से संक्रमित हो सकते हैं. हालांकि, यह जानने में हफ्तों का वक्त लगेगा कि क्या मौजूदा टीके इसके खिलाफ कम प्रभावी हैं.
दक्षिणी अफ्रीका में कोरोनावायरस का नया स्वरूप सामने आने के बाद अमेरिका, कनाडा, रूस और कई अन्य देशों के साथ यूरोपीय संघ ने उस क्षेत्र से आने वाले लोगों पर प्रतिबंध लगा दिया है.
व्हाइट हाउस ने कहा कि अमेरिका सोमवार से दक्षिण अफ्रीका और क्षेत्र में सात अन्य देशों से आने वाले लोगों पर प्रतिबंध लगाएगा. बाइडन ने कहा कि इसका मतलब है कि देश लौट रहे अमेरिकी नागरिकों और स्थायी निवासियों के अलावा इन देशों से न कोई आएगा और न ही कोई वहां जाएगा.
डब्ल्यूएचओ समेत चिकित्सा विशेषज्ञों ने इस स्वरूप के बारे में विस्तारपूर्वक अध्ययन किए जाने से पहले जरूरत से ज्यादा प्रतिक्रिया देने के खिलाफ आगाह किया है. लेकिन इस वायरस से दुनियाभर में 50 लाख से अधिक लोगों की मौत के बाद लोग डरे हुए हैं.
ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री साजिद जाविद ने सांसदों से कहा, ‘हमें जल्द से जल्द हर संभव कदम उठाने की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए.’ दक्षिणी अफ्रीका के साथ ही बेल्जियम, हांगकांग और इजरायल आने वाले यात्रियों में भी ओमीक्रॉन स्वरूप के मामले देखे गए हैं.
दक्षिण अफ्रीकी विशेषज्ञों ने कहा कि अभी ऐसे कोई संकेत नहीं है कि क्या इस स्वरूप से अधिक गंभीर रूप से बीमार पड़ सकते हैं. अन्य स्वरूपों की तरह कुछ संक्रमित लोगों में कोई लक्षण नहीं देखे गए हैं. हालांकि, कुछ आनुवंशिक बदलाव चिंताजनक लगते हैं लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इससे जन स्वास्थ्य को कितना खतरा है. पहले कुछ स्वरूपों जैसे कि बीटा स्वरूप ने शुरुआत में वैज्ञानिकों को चिंता में डाला था लेकिन यह इतना ज्यादा नहीं फैला था.
नए स्वरूप ने दुनियाभर के शेयर बाजारों को तुरंत प्रभावित किया. एशिया, यूरोप और अमेरिका में प्रमुख सूचकांक गिर गये. जर्मनी के स्वास्थ्य मंत्री जेन्स स्पैन ने कहा, ‘यह नया स्वरूप कई समस्याएं पैदा करेगा.’ 27 देशों वाले यूरोपीय संघ के सदस्य हाल में संक्रमण के मामलों में वृद्धि का सामना कर रहे हैं.
ब्रिटेन, यूरोपीय संघ के देशों और कुछ अन्य देशों ने शुक्रवार को नयी यात्रा पाबंदियां लगायी और इनमें से कुछ देशों ने नए स्वरूप का पता चलने के कुछ घंटों के भीतर पाबंदियां लगा दी. यह पूछे जाने पर कि अमेरिका ने सोमवार तक का इंतजार क्यों किया, इस पर बाइडन ने कहा, ‘केवल इसलिए कि मेरे चिकित्सा दल ने यही सिफारिश की है.’
यूरोपीय संघ आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा, ‘उड़ानों को तब तक स्थगित किया जाना चाहिए जब तक कि हमें इस नए स्वरूप से उत्पन्न खतरे के बारे में स्पष्ट समझ न हो और इस क्षेत्र से लौटने वाले यात्रियों को सख्त पृथक-वास नियमों का पालन करना चाहिए.’ उन्होंने आगाह किया कि ‘उत्परिवर्तन से संक्रमण कुछ ही महीनों में दुनियाभर में फैल सकता है.’
बेल्जियम के स्वास्थ्य मंत्री फ्रैंक वैंडेनब्रुक ने कहा, ‘यह एक संदिग्ध स्वरूप है. हम नहीं जानते कि क्या यह बहुत खतरनाक स्वरूप है.’
अमेरिकी सरकार के शीर्ष संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. एंथनी फाउची ने कहा कि ओमीक्रॉन का अभी अमेरिका में कोई मामला नहीं आया है. उन्होंने कहा, ‘हालांकि हो सकता है कि यह अन्य स्वरूप के मुकाबले अधिक संक्रामक हो और इस पर टीके का उतना असर न हो लेकिन ‘हमें अभी निश्चित रूप से कुछ नहीं पता है.’
बाइडन ने कहा कि नया स्वरूप ‘गंभीर चिंता’ का विषय है और यह स्पष्ट होना चाहिए कि जब तक दुनियाभर में टीकाकरण नहीं हो जाता तब तक महामारी खत्म नहीं होगी.
दुनिया के सबसे अधिक टीकाकरण करने वाले देशों में से एक इजरायल ने शुक्रवार को एलान किया कि उसके यहां मलावी से लौटे एक यात्री में कोरोनावायरस के नए स्वरूप का पहला मामला आया है. यात्री और दो अन्य संदिग्ध लोगों को पृथक-वास में रखा गया है. इजरायल ने बताया कि तीनों ने टीके की खुराक ले रखी है लेकिन अधिकारी उनके टीकाकरण की वास्तविक स्थिति का पता लगा रहे हैं. रात भर 10 घंटे की उड़ान के बाद दक्षिण अफ्रीका के केपटाउन से एम्सटर्डम की केएलएम फ्लाइट 598 में सवार यात्रियों को शुक्रवार सुबह विशेष जांच के लिए चार घंटों तक शिफॉल हवाई अड्डे के रनवे पर रोक कर रखा गया.
ब्रिटेन ने दक्षिण अफ्रीका और पांच अन्य दक्षिणी अफ्रीकी देशों से शुक्रवार दोपहर उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया और घोषणा की कि जो कोई भी हाल में उन देशों से आया था, उसे कोरोनावायरस जांच कराने के लिए कहा जाएगा.
ब्रिटेन ने शुक्रवार से दक्षिण अफ्रीका, बोत्सवाना, लेसोथो, इस्वातिनी, जिम्बाब्वे और नामीबिया से आने वाले लोगों पर प्रतिबंध लागू कर दिया है. हालांकि, सरकार ने दोहराया कि देश में अब तक वायरस के नए स्वरूप के किसी भी मामले का पता नहीं चला है.
जर्मनी, फ्रांस, इटली, नीदरलैंड, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, माल्टा और चेक गणराज्य, यूरोप के उन देशों में शामिल है जिन्होंने यात्रा पर कड़े प्रतिबंध लगाये हैं और पहले से ही कोविड-19 मामलों के चिंताजनक वृद्धि के बीच लॉकडाउन लगाया है.
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