नई दिल्ली: विपक्ष मौक़ापरस्त है, और ऐसे में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत को स्थापित करने के लिए, दिन-रात मेहनत कर रहे हैं, उसने भारत के केविड-19 टीकाकरण को ‘मोदी का टीका’, ‘बीजेपी का वैक्सीन’ कहकर उसमें संशय का तत्व शामिल कर दिया था, रविवार को बीजेपी कार्यकारिणी बैठक में ये कहना था वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का.
पार्टी ने एक प्रस्ताव पारित करके अपने विरोधियों पर निशाना साधा, और असेम्बली चुनावों के आगामी चरण में, अपनी जीत सुनिश्चित करने का संकल्प लिया.
राष्ट्रीय कार्यकारिणी बीजेपी की निर्णय लेने वाली प्रमुख इकाई है. सभी बड़े राजनीतिक प्रस्तावों और चुनावी रणनीतियों पर, इसी बैठक में निर्णय लिया जाता है.
सीतारमण ने कहा कि प्रस्ताव के तहत कुल 18 विषयों पर चर्चा की गई, जिनमें भारत की कोविड-19 टीकाकरण उपलब्धि, जलवायु परिवर्तन पहलक़दमियां, एक राष्ट्र-एक राशन कार्ड स्कीम शामिल हैं, और इसपर भी चर्चा हुई कि भारतीय युवा अब किस तरह, नौकरियां मांगने की जगह नौकरियां पैदा करने वाले बन गए हैं.
वित्त मंत्री ने कहा कि टीकाकरण कार्यक्रम से भारत की छवि स्थापित हुई, लेकिन उन्होंने विपक्ष को आड़े हाथों लिया, कि उसने टीकाकरण को लेकर संशय पैदा किया, जबकि वो स्वयं ट्विटर तक सिमटा रहा, और लोगों की मदद करने के मामले में कहीं दिखाई नहीं दिया. उन्होंने ये भी कहा कि ग्लासगो में सीओपी 26 सम्मेलन में पीएम मोदी ने, जलवायु परिवर्तन वार्त्ता में अपने भाषणों से भारत की छवि को चमकाया है.
सीतारमण ने कहा, ‘कुल 18 मुद्दों पर रोशनी डाली गई, जिनमें इस पर भी चर्चा हुई कि जिस तरह हमारे देश में टीकाकरण कार्यक्रम चलाया गया, उससे किस तरह विदेशों में भारत की छवि स्थापित हुई. अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं और नेताओं ने देखा है, कि कैसे भारत ने इसे विधिवत रूप से चलाया है. जिस विधिवत तरीक़े से टीकाकरण को चलाया गया है, उससे विदेशों में भारत की छवि बनी है’.
उन्होंने उस मुफ्त भोजन स्कीम का भी उल्लेख किया, जो सरकार ने उस समय शुरू की थी, जब पिछले साल कोविड महामारी के कारण, भारत मुकम्मल लॉकडाउन में चला गया था.
वित्त मंत्री ने कहा, ‘लॉकडाउन की घोषणा के 48 घंटे के भीतर, हमने लोगों को मुफ्त भोजन देना शुरू कर दिया, जो 80 करोड़ लोगों के लिए आठ महीने तक चला’.
किसानों, J&K, बंगाल पर
सीतारमण ने ये भी कहा कि बीजेपी प्रस्ताव में, कल्याण योजनाओं के रूप में किसानों के लिए किए गए कार्यों पर भी रोशनी डाली गई है. उन्होंने ध्यान आकर्षित कराया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य में, डेढ़ गुना वृद्धि की गई है, जबकि किसानों को सीधे तौर पर नौ किश्तों में, 1.53 लाख करोड़ रुपए दिए गए हैं.
ये पूछे जाने पर कि क्या आगामी असेम्बली चुनावों से पहले किसान आंदोलन एक बड़ी चुनौती है, क्योंकि विपक्ष भी उनके मुद्दे उठा रहा है, सीतारमण ने कहा: ‘कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और सरकार के हर व्यक्ति ने अपनी स्थिति बिल्कुल स्पष्ट कर दी है, और वो ये है कि हम बातचीत के लिए तैयार हैं. हमने उनसे पूछा है कि वो कौन से प्रावधान हैं, जिनसे उन्हें समस्या है. लेकिन आज तक हमारे पास एक भी बिंदु नहीं आया है. फिर भी, तोमर जी बात करने को तैयार हैं. विपक्ष इसे एक मुद्दा बनाने की कोशिश करेगा’.
जम्मू-कश्मीर के बारे में बोलते हुए सीतारमण ने आगे कहा: ‘हमने इस पर भी चर्चा की, कि जेएंडके में धारा 370 रद्द किए जाने के बाद, डीडीसी और बीडीसी चुनावों ने ज़ाहिर कर दिया है, कि किस तरह लोग लोकतांत्रिक प्रक्रिया में हिस्सा लेने के लिए बाहर निकल रहे हैं’.
यह भी पढ़ें : ‘बिहार उपचुनाव में हार और जदयू-भाजपा के ताने’, निराश लालू यादव वापस दिल्ली लौटे
उन्होंने आंकड़े देकर दिखाया, कि 2014 में मोदी सरकार के पहली बार सत्ता में आने के बाद से, जेएंडके में आतंकी हमलों में मारे जाने वाले नागरिकों की संख्या में तेज़ी से कमी आई है.
सीतारमण ने कहा, ‘2004 और 2014 के बीच जम्मू-कश्मीर में, आतंकवाद से जुड़ी घटनाओं में 2,081 लोग मारे गए, जबकि 2014 से सितंबर 2021 तक, केवल 239 नागरिकों ने अपनी जानें गंवाईं. इससे साबित होता है कि जम्मू-कश्मीर में अब शांति स्थापित हो गई है’.
बीजेपी के प्रस्ताव में पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा का भी उल्लेख किया गया है. सीतारमण ने कहा, ‘बीजेपी बंगाल हिंसा की कड़ी निंदा करती है, और हम हर उस कार्यकर्त्ता के साथ खड़े हैं, जिसने मुसीबतें सही हैं. हम तमाम क़ानूनी प्रक्रियाओं के दौरान उनके साथ खड़े रहेंगे, और बंगाल में बीजेपी के हर कार्यकर्ता का समर्थन करेंगे’.
पार्टी के लिए नड्डा के लक्ष्य
उसी दिन बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पार्टी को मज़बूत करने के लिए मुख्य लक्ष्य तय किए, और कहा कि उसका शिखर पर आना बाक़ी है.
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मीडियाकर्मियों को बताया, कि नड्डा ने संगठन के लिए लक्ष्य निर्धारित किए हैं, जिनमें 25 दिसंबर 2021 तक भारत के सभी 10.4 लाख पोलिंग बूथों पर बूथ कमेटियां बनाना, 6 अप्रैल 2022 तक पन्ना प्रमुखों (मतदाता सूची के हर पन्ने के इंचार्ज) की नियुक्तियों को पूरा करना, और मई 2022 तक हर बूथ पर सुनने की सुविधाओं को संस्थागत करना भी शामिल है, ताकि लोग पीएम मोदी के मासिक रोडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ को सुन सकें.
नड्डा के उद्घाटन भाषण का हवाला देते हुए प्रधान ने कहा, ‘एक राज्य ऐसा है जहां बीजेपी की जड़ें गहरी नहीं हुई हैं. तेलंगाना में बदलती राजनीति के संकेत मिल रहे हैं; ऐसा लगता है कि बीजेपी वहां पहले ही सत्ता में आ गई है’.
मंत्री ने आगे कहा कि नड्डा ने विशेष रूप से कोविड-19 महामारी से निपटने में, पीएम मोदी की दूरदर्शिता की सराहना की.
प्रधान ने कहा, ‘कोविड महामारी के दौरान अस्सी करोड़ नागरिकों को हर महीने मुफ्त राशन दिया गया, जो यूरोप की पूरी आबादी से ज़्यादा है. इससे ज़ाहिर होता है कि पीएम के अंदर, सही समय पर सही फैसला लेने की निर्णायक क्षमता है’.
प्रधान ने कहा कि नड्डा ने इसी साल तृणमूल कांग्रेस से हारने के बावजूद, पश्चिम बंगाल के लोगों का आभार प्रकट किया, चूंकि बीजेपी का वोट प्रतिशत बढ़कर 38 प्रतिशत हो गया. उन्होंने ये भी कहा कि पश्चिम बंगाल में अभी तक, 53 बीजेपी कार्यकर्त्ता मारे जा चुके हैं.
प्रधान ने कहा, ‘2016 असेम्बली चुनावों में, बीजेपी का वोट शेयर बहुत कम था, और अब ये 38 प्रतिशत है. हमें बंगाल का आशीर्वाद मिला है. राजनीतिक इतिहास में वोट शेयर में इतनी तेज़ बढ़ोतरी पहले कभी दर्ज नहीं की गई. बीजेपी प्रमुख ने पश्चिम बंगाल के लोगों को आश्वस्त किया कि पार्टी उनके साथ है’.
सूत्रों के अनुसार नड्डा ने विपक्ष द्वारा की जा रही सियासत पर भी बात की. एक सूत्र ने नड्डा का ये कहते हुए हवाला दिया, ‘शुरू में जब लोग ऑक्सीजन क़िल्लत के मुद्दे पर सियासत कर रहे थे, तो प्रधानमंत्री ने सुनिश्चित किया कि एक सप्ताह के भीतर, देश को ऑक्सीजन की सर्वाधिक क्षमता उपलब्ध कराई गई’.
(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)