मुंबई: स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) और उसके क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े मादक पदार्थ मामले में उनके खिलाफ लगे वसूली के आरोपों में सोमवार को महानगर की एक विशेष अदालत पहुंच गये. एनसीबी और वानखेड़े ने अदालत में हलफनामे किये हैं.
गौरतलब है कि स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) ने तीन अक्टूबर को मुंबई के तट के पास, गोवा जा रहे एक क्रूज़ पोत पर छापेमारी के बाद शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान (23) और कुछ अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था. एजेंसी ने क्रूज़ से मादक पदार्थ जब्त करने का दावा किया है.
मादक पदार्थ रोधी एजेंसी और वानखेड़े ने अदालत में दाखिल हलफनामे में कहा कि यह मामले में बाधा उत्पन्न करने और जांच को बाधित करने का एक प्रयास है.
एनसीबी ने हलफनामें में अनुरोध किया है कि मामले के सबूतों के साथ छेड़छाड़ जांच बाधित नही होनीं चाहिए, जबकि वानखेड़े ने उनके खिलाफ सभी आरोपों को खारिज कर दिया.
मामले में ‘स्वतंत्र गवाह’ प्रभाकर सैल ने रविवार को दावा किया था कि स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) के एक अधिकारी और कथित तौर पर फरार गवाह केपी गोसावी सहित अन्य ने आर्यन खान को छोड़ने के लिए 25 करोड़ रुपये की मांग की है.
सैल ने पत्रकारों से कहा था कि आर्यन को तीन अक्टूबर को एनसीबी कार्यालय लाने के बाद उन्होंने गोसावी को फोन पर सैम डिसूजा नामक एक व्यक्ति से 25 करोड़ रुपये की मांग करने और मामला 18 करोड़ रुपये पर तय करने के बारे में बात करते हुए सुना था, क्योंकि उन्हें ‘आठ करोड़ रुपये समीर वानखेडे (एनसीबी के जोनल निदेशक) को देने थे.’
सैल ने दावा किया था कि वह जल्द ही सबूत भी पेश करेंगे.
एनसीबी और वानखेड़े ने सोमवार को अदालत को सौंपे गए अपने हलफनामे में इन दावों को खारिज किया है.
वानखेड़े ने रविवार को मुंबई पुलिस आयुक्त को पत्र लिख, अज्ञात लोगों द्वारा कथित सतर्कता संबंधी मामले में फंसाने के लिये उनके खिलाफ ‘योजनाबद्ध’ कानूनी कार्रवाई किए जाने से सुरक्षा मांगी की थी.
वर्ष 2008 बैच के आईआरएस अधिकारी वानखेड़े ने किसी का नाम लिए बिना दावा किया कि अत्यधिक सम्मानित सार्वजनिक लोगों ने उन्हें मीडिया के माध्यम से जेल भेजने और बर्खास्तगी की धमकी दी है.
आर्यन अभी मुंबई की आर्थर जेल में बंद है. उनकी जमानत याचिका पर बंबई उच्च न्यायालय मंगलवार को सुनवाई करेगा.
यह भी पढ़ें: ‘धर्मांध लोगों का दिमाग खराब’- पाकिस्तान से हार के बाद क्यों निशाने पर हैं मोहम्मद शमी
नवाब मलिक का वानखेड़े का जन्म प्रमाणपत्र जाली होने का दावा, एनसीबी अधिकारी ने की आलोचना
महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता नवाब मलिक ने सोमवार को दावा किया कि स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) के मंडल निदेशक समीर वानखेड़े ने अपने जन्म प्रमाणपत्र समेत जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल किया.
मलिक ने कथित प्रमाणपत्र की तस्वीर ट्वीट करते हुए कहा, ‘समीर दाऊद वानखेड़े का यहां से शुरू हुआ फर्जीवाड़ा.’
वहीं, वानखेड़े ने मंत्री की आलोचना करते हुए कहा कि उनका यह कदम अपमानजनक और उनके परिवार की निजता पर हमला है. वानखेड़े ने एक बयान में कहा, ‘पिछले कुछ दिनों में मंत्री ने जो काम किए हैं उसने मुझे और मेरे परिवार को अत्यधिक मानसिक और भावनात्मक दबाव में ला दिया है.’
मलिक द्वारा पोस्ट की गयी तस्वीर में एनसीबी अधिकारी के पिता का नाम दाऊद दिखाया गया है. वानखेड़े ने कहा कि उनके पिता का नाम ज्ञानदेव है जो एक आबकारी अधिकारी थे.
मलिक नशीले पदार्थ के एक मामले में अपने दामाद की गिरफ्तारी के बाद से ही वानखेड़े पर निशाना साध रहे हैं. मलिक ने दावा किया था कि एनसीबी अधिकारियों ने उनके दामाद पर गलत आरोपों में मुकदमा दर्ज किया और उनके पास से कोई प्रतिबंधित नशीला पदार्थ बरामद नहीं किया गया.
राकांपा प्रवक्ता मलिक ने हाल में दावा किया था कि उनकी सरकार जल्द ही वानखेड़े को जेल पहुंचाएगी.
यह भी पढ़ें: बीएल संतोष ने कैसे येदियुरप्पा को दी मात, और कर्नाटक में बीजेपी के लिए सबसे अहम व्यक्ति बने