इस्लामाबाद: पाकिस्तान वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) की निगरानी सूची में बना रहेगा. वह तब तक इस सूची में शामिल रहेगा जब तक कि वह साबित नहीं कर देता कि जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद और जैश-ए-मोहम्मद के संस्थापक मसूद अजहर के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है जिसे संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकवादियों के रूप में सूचीबद्ध किया गया है. वैश्विक धन शोधन-निरोधक और आतंकवादियों के वित्तपोषण पर नजर रखने वाली संस्था एफएटीएफ ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी.
यह निर्णय पेरिस स्थित एफएटीएफ की ‘ऑनलाइन’ बैठक के बाद आया. बैठक में इस वैश्विक नेटवर्क के 205 सदस्यों और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष तथा संयुक्त राष्ट्र सहित कई पर्यवेक्षक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया.
पूर्ण बैठक के बाद एफएटीएफ के अध्यक्ष डॉ मार्कस प्लेयर ने घोषणा की कि पाकिस्तान निगरानी सूची में बना हुआ है.
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान को जून, 2018 में एफएटीएफ ने निगरानी सूची में रखा था. उसे अक्टूबर, 2019 तक पूरा करने के लिये कार्य योजना सौंपी गयी थी. लेकिन उसे पूरा करने में विफल रहने के कारण वह एफएटीएफ की निगरानी सूची में बना हुआ है.