श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में भले ही नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर जारी संघर्ष विराम वाला समझौता कायम है, फिर भी दूसरी ओर से ‘घुसपैठ का मौसम’ शुरू हो गया है और एक नई रणनीति के तहत पाकिस्तान अधिक कठोर और बेहतर प्रशिक्षित आतंकवादियों को भारतीय सीमा के अंदर घुसाने का प्रयास कर रहा है. दिप्रिंट को यह जानकारी मिली है.
रक्षा और सुरक्षा प्रतिष्ठान से जुड़े सूत्रों का कहना है कि नियंत्रण रेखा के उस पार बने लॉन्च पैड आतंकियों से भरे हुए हैं और कश्मीर के साथ-साथ जम्मू की ओर से भी घुसपैठ की लगातार कोशिश की जा रही है.
एक सूत्र ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर का जिक्र करते हुए कहा, ‘दोनों पक्षों के बीच युद्धविराम इस साल फरवरी से लागू है. इस संघर्ष विराम के उल्लंघन के सिर्फ दो मामले सामने आए हैं लेकिन वे भी बहुत स्थानीय प्रकृति के थे और मुख्य रूप से इसलिए क्योंकि किसी नई इकाई ने वहां का काम काज संभाला था.’
इस सूत्र ने बताया कि पहले घुसपैठ के कई प्रयासों को रोक दिया गया था, परंतु दो महीने पहले, पाकिस्तानी सेना ने आतंकवादियों को अंदर जाने और घुसपैठ के लिए प्रयास करने की अनुमति दे दी थी. साथ ही उसने यह भी स्पष्ट किया कि वह संघर्ष विराम उल्लंघन के माध्यम से उनका किसी तरह से सहयोग करने में सक्षम नहीं होगी.
सूत्रों ने बताया कि अब सर्दियों के मौसम के नजदीक आने के साथ ही पाकिस्तानी सेना ने सभी आतंकी समूहों को घुसपैठ की पुरजोर कोशिश करने की इजाजत दे दी है.
एक दूसरे सूत्र ने दिप्रिंट को बताया, ‘घुसपैठ करने की ज्यादा-से-ज्यादा कोशिशें हो रही हैं लेकिन फिर भी संघर्ष विराम का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है. घुसपैठ की कोशिश करने वाले आतंकवादियों की संख्या से लगता है कि पाकिस्तानी सेना की मंजूरी के बिना वे ऐसा नहीं कर सकते हैं.’
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हथियारों और गोला-बारूद की तस्करी पर है ज्यादा ध्यान
फिलहाल पाकिस्तानी सेना का ध्यान आतंकवादियों से ज्यादा मुख्य रूप से हथियार और गोला-बारूद सीमापार भेजने पर है, यही वजह है कि जो लोग पकड़े गए हैं उनके पास से भारी मात्रा में जखीरा मिला है.
सितंबर के अंत में, भारतीय सेना ने उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले के हाटमुल्ला में भारी हथियारों से लैस तीन आतंकवादियों को मार गिराने के साथ ही घुसपैठ की एक बड़ी कोशिश को नाकाम कर दिया था.
इन तीनों आतंकियों के पास से पांच एके राइफल, आठ पिस्टल, दो आईईडी और 69 ग्रेनेड बरामद किए गए थे.
इसके बाद उरी सेक्टर में घुसपैठ की एक और ऐसी ही कोशिश को नाकाम कर दिया गया था. यहां मारे गए आतंकवादियों में से एक की उम्र करीब 30 साल थी, जबकि दूसरा जिंदा पकड़ा गया था.
सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान की ओर से यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है कि नए रंगरूटों के बजाय ऐसे ‘वरिष्ठ’ आतंकवादी, जो पहले भी कश्मीर में रह चुके हैं, उन्हें भारत भेजा जाए.
ऐसा मुख्य रूप से इसलिए किया जा रहा है क्योंकि कश्मीर में सुरक्षा बलों द्वारा पिछले कुछ महीनों में स्थानीय आतंकी समूहों के नेतृत्व को लक्षित करके चलाये जाने वाले निरंतर अभियानों के दौरान आतंकियों ने अपना मुख्य स्थानीय नेतृत्व खो दिया है.
सूत्रों के अनुसार यह भी सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है कि कश्मीर घाटी में हिंसा का स्तर बढ़े.
दिप्रिंट की पहले की एक रिपोर्ट के अनुसार, एक पाकिस्तानी आतंकवादी, जिसे वर्तमान में ‘छोटा वालिद‘ के रूप में पहचाना जाता है और जो लगभग 20 दिन पहले एलओसी पार कर कश्मीर में घुसपैठ कर चुका था, को श्रीनगर में होने वाली कई अल्पसंख्यकों की हत्याओं के पीछे का मास्टरमाइंड माना जा रहा है.
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