नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को 40 से अधिक किसान संगठनों और राकेश टिकैत, दर्शन पाल तथा गुरनाम सिंह सहित विभिन्न नेताओं को हरियाणा सरकार के उस आवेदन पर नोटिस जारी किये जिसमें आरोप लगाया गया है कि वे दिल्ली की सीमाओं पर सड़कों की नाकेबंदी का मुद्दा हल के लिए राज्य पैनल के साथ बातचीत में शामिल नहीं हो रहे हैं.
न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की पीठ ने आवेदन का संज्ञान लेते हुए नोटिस जारी करने का आदेश दिया. पीठ ने सवाल किया, ‘श्री मेहता (सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता), आपने करीब 43 लोगों को पक्ष बनाया है. आप उन तक नोटिस कैसे भेजेंगे.’
मेहता ने कहा कि किसानों के नेतागण इस मामले में आवश्यक पक्ष हैं और वह सुनिश्चित करेंगे कि उन लोगों तक नोटिस की तामील हो. मेहता ने याचिका पर शुक्रवार यानी आठ अक्टूबर को सुनवाई का अनुरोध किया.
पीठ ने अगले सप्ताह शुरू हो रहे दशहरा अवकाश के ठीक बाद मामले को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है.
हरियाणा सरकार ने नोएडा निवासी मोनिका अग्रवाल की जनहित याचिका में विभिन्न किसान संगठनों के पदाधिकारियों सहित 43 लोगों को पक्ष बनाने का अनुरोध किया है. मोनिका अग्रवाल ने अपनी याचिका में शिकायत की है कि किसानों के विरोध प्रदर्शन की वजह से सड़के अवरुद्ध होने से लोगों को आने जाने में असुविधा हो रही है.