नई दिल्ली: भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) बेंगलुरू और छह भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) ने क्यूएस स्नातक रोजगार संबंधी रैंकिंग 2022 में शीर्ष 500 विश्वविद्यालयों में स्थान बनाया है. इसकी घोषणा बृहस्पतिवार को हुई .
आईआईटी बॉम्बे ने रैंकिंग में भारतीय संस्थानों में शीर्ष स्थान प्राप्त किया .
इस सूची में तीन केंद्रीय विश्वविद्यालयों ने भी स्थान बनाया जिसमें दिल्ली विश्वविद्यालय, मुम्बई विश्वविद्यालय और कलकत्ता विश्वविद्यालय शामिल हैं. निजी विश्वविद्यालयों में ओ पी जिंदल ग्लोबल विश्वविद्यालय, सोनीपत और बिट्स पिलानी का नाम भी सूची में शामिल है.
छह आईआईटी में आईआईटी बॉम्बे को 101-110 रैंक के बीच रखा गया है जबकि आईआईटी दिल्ली को (131-40), आईआईटी मद्रास को (151-60), आईआईटी खडगपुर को (201-50), आईआईटी कानपुर को (251-300) तथा आईआईटी रूड़की को (500) रैंक दिया गया है.
आईआईएससी बेंगलुरू और ओ पी जिंदल ग्लोबल विश्वविद्यालय का स्थान सूची में 301-500 की श्रेणी में सामने आया है. इसी प्रकार से बिरला इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (बिट्स) पिलानी और मुम्बई विश्वविद्यालय का रैंक 250-300 के बीच आया है.
लंदन स्थित क्वाकक्वारेली साइमंड्स (क्यूएस) ने अपनी वेबसाइट पर एक नोट में कहा, ‘दुनिया कोविड-19 महामारी के प्रभावों से उबर रही है, निसंदेह, ऐसे में आधुनिक नियोक्ताओं को कौशल एवं गुणवत्ता युक्त स्नातकों की बहुत अधिक जरूरत है.’
इसमें कहा गया है कि रैंकिंक में आने वाले प्रत्येक विश्वविद्यालयों ने आधुनिक कार्य स्थलों के लिये कौशल युक्त स्नातक तैयार करने की क्षमता प्रदर्शित की है . दुनिया में स्नातकों के बीच काफी प्रतिस्पर्धा के मद्देनजर छात्रों को गंभीरतापूर्वक विचार करना चाहिए कि उनका विश्वविद्यालय पूर्णकालिक रोजगार के लिये किस प्रकार से उन्हें तैयार करता है, वैश्विक नियोक्ताओं से जोड़ता है तथा जरूरी कौशल एवं ज्ञान का विकास करता है.
संस्था ने कहा कि दुनिया भर के उच्च शैक्षिक संस्थानों की रैंकिंग करते समय क्यूएस इस बात पर विचार करता है कि नियोक्ताओं के बीच संस्थानों की किस प्रकार की प्रतिष्ठा है और संस्थान कंपनियों के साथ किस प्रकार से जुड़े हैं .