नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े भारतीय किसान संघ (बीकेएस) ने अपने देशव्यापी आंदोलन के तहत बुधवार को यहां विरोध प्रदर्शन किया. बीकेएस की मांग है कि सरकार किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने के लिए कानून लेकर आए.
बीकेएस से जंतर मंतर पर प्रदर्शन किया गया. संगठन के नेताओं ने दावा किया है कि देश के कई हिस्सों में किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) नहीं मिल रहा है.
बीकेएस दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष हरपाल सिंह डागर ने कहा, ‘ऐसा कानून होना चाहिए जो सुनिश्चित करे कि किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य मिले.’
उन्होंने कहा कि प्रदर्शन पूर्वाह्न 10 बजे शुरू होने वाला था, लेकिन दिल्ली पुलिस की वजह से डेढ़ घंटे की देरी से हुआ.
डागर ने कहा, ‘दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के बीच समन्वय की कमी के कारण, हमारा विरोध प्रदर्शन पूर्वाह्न 11.30 बजे शुरू हुआ, जिसमें बीकेएस के 115 सदस्यों ने भाग लिया. विरोध प्रदर्शन दोपहर 1.50 बजे समाप्त हुआ.’
हालांकि, पुलिस ने कहा कि उन्होंने विरोध प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी थी.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘हमने उन्हें जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दी. हालांकि, वे यहां आ गए और जल्द ही चले गए.’
पिछले साल लागू किए गए तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में किसानों की एक बड़ी बैठक के कुछ दिनों बाद, बीकेएस ने कहा था कि वह बुधवार को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करेगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसानों को उनकी फसल के बदले उचित दाम मिले.
बीकेएस महासचिव बद्रीनारायण चौधरी ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा था, ‘न्यूनतम समर्थन मूल्य एक भ्रम है. किसानों को देश के सभी हिस्सों में एमएसपी नहीं मिल रहा है. एक नया सख्त कानून लाया जाना चाहिए जो यह सुनिश्चित करता हो कि किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य मिले.
चौधरी ने दावा किया था कि केवल एक या दो राज्यों के किसान ही एमएसपी का लाभ उठा रहे हैं, जबकि देश के बाकी किसान इसके लाभों से वंचित हैं.