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Thursday, 21 November, 2024
होमदेश‘आओ कभी UP’— वर्दी में लहराती बंदूक के साथ इंस्टाग्राम वीडियो ने आगरा की कांस्टेबल को मुश्किल में डाला

‘आओ कभी UP’— वर्दी में लहराती बंदूक के साथ इंस्टाग्राम वीडियो ने आगरा की कांस्टेबल को मुश्किल में डाला

कांस्टेबल प्रियंका मिश्रा का यह वीडियो किसी पुलिस स्टेशन के अंदर शूट किया गया लग रहा है. क्लिप में उनकी लिप-सिंकिंग के साथ एक संवाद भी सुनाई देता है जो ‘यूपी की रंगबाजी की संस्कृति’ को बढ़ावा देने वाला है.

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नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के आगरा में एक महिला पुलिस कांस्टेबल को जांच लंबित होने के बीच पुलिस लाइन भेज दिया गया है. माना जा रहा है कि वर्दी में रिवाल्वर लहराने के साथ बनाया गया उसका वीडियो वायरल होने के बाद सजा के तौर पर उसे यह पोस्टिंग दी गई है.

कांस्टेबल प्रियंका मिश्रा ने यह वीडियो संभवत: किसी पुलिस स्टेशन के अंदर शूट किया था और इसे सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया. क्लिप में वह एक संवाद के साथ लिप-सिंक करती नजर आ रही हैं—जो हिंदी में किसी पुरुष की आवाज में है और ‘रंगबाजी’ वाली यूपी की संस्कृति को बढ़ावा देता है. स्पीकर यह बताने से पहले कि राज्य में पांच साल से कम उम्र के बच्चों के पास बंदूकें हैं, यूपी के कुख्यात होने की तुलना कथित तौर पर पंजाब और हरियाणा से करने की कोशिश करता है.

वीडियो में सुनाई दे रहा संवाद कुछ इस तरह है, ‘हरियाणा, पंजाब तो बेकार ही बदनाम हैं. आओ कभी उत्तर प्रदेश. रंगबाजी क्या होती है तुम्हें हम बताते हैं… ना गुंडे पे गाना बनाते हैं, ना गाड़ी पे जाट-गुज्जर लिखाते हैं. हमारे यहां 5-5 साल के लौंडे कट्टा चलाते हैं.’

संवाद के सटीक स्रोत के बारे में तो कुछ पता नहीं लगाया जा सकता है, लेकिन वीडियो में पृष्ठभूमि में एक रूसी गीत चल रहा है. वहीं ऐसा ही ऑडियो—वही डायलॉग, उसी गाने पर सेट किया गया—कई अन्य ऑनलाइन पोस्ट में भी इस्तेमाल किया गया है.

यह कांस्टेबल आगरा के एमएम गेट थाने में तैनात थी.


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आगरा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) मुनिराज जी. ने दिप्रिंट से बातचीत में कहा कि प्रियंका मिश्रा को उनके खिलाफ जांच पूरी होने तक पुलिस लाइन भेज दिया गया है.

एसएसपी ने कहा, ‘उसका व्यवहार उस आचार संहिता का उल्लंघन है जिसका हम पालन करते हैं. तीन दिन पूर्व जब वीडियो हमारे सामने आया तो हमने इस पर संज्ञान लिया. जांच रिपोर्ट मिलने तक उसे पुलिस लाइन भेज दिया गया है. रिपोर्ट मिलने पर उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी.’

अधिकारी ने बताया कि कांस्टेबल ने एक पुलिस स्टेशन के स्टोररूम में वीडियो शूट किया था और वहां स्टॉक में रखी हुई रिवाल्वर का इस्तेमाल किया था.

कांस्टेबल ने पहले अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर वीडियो पोस्ट किया था लेकिन अब इसे हटा दिया गया है.

सोशल मीडिया वेबसाइट पर उनका अकाउंट कुछ रील के साथ साथ-साथ वर्दी में उनकी तस्वीरों से भरा पड़ा है. एक वीडियो में उसे उसी संवाद और संगीत पर लिप-सिंक करते देखा जा सकता है लेकिन बिना रिवॉल्वर के.

सोशल मीडिया दिशा-निर्देश

2018 से ही यूपी पुलिस ने अपने कर्मियों की सोशल मीडिया गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए सख्त नियम लागू कर रखे हैं.

बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक, उस समय सोशल मीडिया गतिविधि से जुड़े 17 दिशा-निर्देशों का एक सेट जारी किया गया था. इसके मुताबिक पुलिसकर्मियों के लिए अन्य बातों के अलावा इस दिशा-निर्देश का पालन करना भी जरूरी है, ‘सोशल मीडिया पर यह डिस्क्लेमर जारी करेंगे कि उनके द्वारा व्यक्त विचार उनकी अपनी व्यक्तिगत राय है और इसका उनके विभाग से कोई संबंध नहीं है…(और) अपनी वर्दी/एसेसरी या हथियारों की तस्वीरें अपलोड नहीं करेंगे.’

मुनिराज ने दिप्रिंट से बातचीत में इस तथ्य की पुष्टि की कि पुलिस बल के लिए इन दिशा-निर्देशों का पालन करना आवश्यक है.

पुलिसकर्मियों के लिए अनुचित समझे जाने वाले सोशल मीडिया आचरण को लेकर अन्य राज्यों में भी कार्रवाई की जा चुकी है.

2019 में गुजरात पुलिस के दो कांस्टेबलों को ड्यूटी पर तैनात रहने के दौरान एक पुलिस वैन के साथ टिकटॉक वीडियो बनाने और अपलोड करने के बाद निलंबित कर दिया गया था. उसी साल आंध्र प्रदेश में भी एक कथित टिकटॉक वीडियो के लिए ही एक कांस्टेबल को निलंबित कर दिया गया था.

इस साल की शुरुआत में दिल्ली पुलिस के दो कर्मियों को ड्यूटी के दौरान कथित तौर पर सोशल मीडिया के लिए वीडियो बनाने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था.

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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