कुआलालंपुर: मलेशिया के सुल्तान ने शुक्रवार को इस्माइल साबरी याकूब को देश का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया, जिसके साथ ही देश में सबसे लंबे समय तक सत्ता में रहे राजनीतिक दल की फिर से वापसी हो गई.
सुल्तान अब्दुल्ला सुल्तान अहमद शाह ने कहा कि इस्माइल को 114 सांसदों का समर्थन यानी बहुमत हासिल है.
उन्होंने कहा कि इस्माइल (61) शनिवार को मलेशिया के नौवें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेंगे.
इस्माइल इससे पहले मुहिद्दीन यासीन की सरकार में उप प्रधानमंत्री थे. यासीन ने गठबंधन में अंतर्कलह के चलते बहुमत खोने के बाद प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. वह 18 महीने से कम समय तक देश के प्रधानमंत्री रहे.
मुहिद्दीन के गठबंधन को बरकरार रखने के लिये इस्माइल की नियुक्ति जरूरी थी. इस्माइल के प्रधानमंत्री नियुक्त होने के बाद देश में यूनाइटेड मलयज नेशनल ऑर्गनाइजेशन (यूएमएनओ) फिर से सत्ता में लौट आया है. साल 1957 में ब्रिटेन से आजादी मिलने के बाद से 2018 तक यूएमएनओ सत्ता में रहा. करोड़ों रुपये के वित्तीय प्रकरण के चलते 2018 में हुए चुनाव में उसे सत्ता गंवानी पड़ी थी.
मलेशिया में सुल्तान की भूमिका काफी हद तक औपचारिक होती है, लेकिन वह उस व्यक्ति को नियुक्त करता है जिसे वह मानता है कि संसद में उसे प्रधानमंत्री के रूप में बहुमत का समर्थन प्राप्त है और प्रांत के शासक उसे ऐसी नियुक्तियों पर सलाह दे सकते हैं.
इस्माइल की उम्मीदवारी का विरोध करने वाले मलेशियाई लोगों ने एक ऑनलाइन याचिका शुरू की है, जिसमें अब तक 3,40,000 से अधिक हस्ताक्षर किए गए हैं. कई लोगों का मानना है कि इस्माइल की नियुक्ति यथास्थिति को बरकरार रखेगी.
सात महीने की आपातस्थिति और जून से लॉकडाउन के बावजूद मलेशिया में प्रति व्यक्ति संक्रमण दर और मृत्यु दर दुनिया में सबसे अधिक है. जून के बाद से संक्रमण के दैनिक मामलों में दोगुनी वृद्धि हुई है. बृहस्पतिवार को रिकॉर्ड 22,928 नये मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 15 लाख हो गई. अब तक कुल 13 हजार लोगों की मौत हो चुकी है.