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Thursday, 21 November, 2024
होमदेशओलंपिक में इतिहास रच स्वदेश लौटे सूरमाओं का भव्य स्वागत, नीरज ने दिखाया मेडल, बोले- ये पूरे देश का

ओलंपिक में इतिहास रच स्वदेश लौटे सूरमाओं का भव्य स्वागत, नीरज ने दिखाया मेडल, बोले- ये पूरे देश का

टोक्यो 2020 में भारत के लिए कई ऐसी चीजें हुई जो ओलंपिक में पहली बार हुई. ओलंपिक में ‘टीम इंडिया’ की सफलता इस बात को दर्शाती है कि कैसे नया भारत दुनिया पर हावी होने की इच्छा और आकांक्षा रखता है , यहां तक कि खेल में भी.

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नई दिल्ली: भारत के ओलंपिक पदक विजेताओं का सोमवार को इंदिरा गांधी एयरपोर्ट से लेकर अशोका होटल तक भव्य स्वागत किया गया. सम्मान समारोह में खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि इन खिलाड़ियों की यात्रा ‘खेल उत्कृष्टता और जज्बे की अविश्वसनीय कहानी’ रही है.

अशोका होटल में आयोजित समारोह में सभी की निगाहें एथलेटिक्स में स्वर्ण पदक जीतने वाले देश के पहले खिलाड़ी नीरज चोपड़ा पर टिकी थीं.

सम्मान समारोह में खेल मंत्री ने उन्हें स्मृति चिन्ह और शॉल भेंट की.

कांस्य विजेता पुरुष हॉकी टीम और चौथे स्थान पर रही महिला टीम दोनों ने होटल पहुंचने के बाद केक काटकर जश्न मनाया.

खिलाड़ियों का स्वागत करते खेल मंत्री अनुराग ठाकुर/फोटो: सूरज सिंह बिष्ट/ दिप्रिंट

चोपड़ा ने सम्मानित होने के बाद कहा, ‘हम सभी (खिलाड़ी) मध्यमवर्गीय परिवारों से आते हैं और परिवारों का समर्थन बहुत जरूरी है.’

चोपड़ा ने आगे कहा, यह गोल्ड मेडल सिर्फ मेरा ही नहीं भारत का भी है. स्वर्ण पदक जीतने के बाद न तो मैं ठीक से खा पाया और न ही सो पाया था. #ओलंपिक में कंपटीशन बहुत कठिन होता है. क्वालीफाई राउंड में सलेक्शन के बाद, मुझे एहसास हुआ कि यह मेरे जीवन का सबसे अच्छा अवसर है और मैं इसे नहीं खोऊंगा.’

चोपड़ा ने जहां भारतीय अभियान में स्वर्णिम चमक डाली तो वहीं भारोत्तोलक मीराबाई चानू और पहलवान रवि कुमार दहिया ने रजत पदक जीते.

हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह ने कहा, ‘यह बहुत अच्छा लगता है, मैं सरकार, भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) और भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को हमारे पृथकवास के दौरान मदद करने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं. उन्होंने हमें पूरा सहयोग दिया.’

पुरुष हॉकी टीम के अलावा मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन, शटलर पीवी सिंधु और पहलवान बजरंग पुनिया ने कांस्य पदक हासिल किये.

लवलीना ने कहा, ‘मैं घर वापस आकर बहुत खुश हूं. मुझे पता था कि भारत में लोग बहुत खुश होंगे लेकिन यहां वापस आने के बाद पहली बार इतना प्यार पाकर बहुत अच्छा लग रहा है. मैं इस तरह के और पदकों के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश करूंगी.’

सिंधु और चानू समारोह में शामिल नहीं हुईं क्योंकि वे पहले ही भारत पहुंच गयी थी और उनके सम्मान में समारोह आयोजित हो गया था.

घुटना चोटिल होने के बाद बिना ‘नी-कैप (घुटने की पट्टी)’ के कांस्य पदक मुकाबले में उतरने वाले बजरंग ने कहा, ‘ मैंने केवल अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश की.’

समारोह में उपस्थित लोगों में केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री किरेन रीजीजू, खेल राज्य मंत्री निसिथ प्रमाणिक, सचिव (खेल) रवि मित्तल और भारतीय खेल प्राधिकरण के महानिदेशक संदीप प्रधान भी शामिल थे.


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ओलंपिक ने सिखाया आत्म-अनुशासन, आत्म समर्पण और फिर जीत का बिगुल

ठाकुर ने कहा, ‘ टोक्यो 2020 में भारत के लिए कई ऐसी चीजें हुई जो ओलंपिक में पहली बार हुई. ओलंपिक में ‘टीम इंडिया’ की सफलता इस बात को दर्शाती है कि कैसे नया भारत दुनिया पर हावी होने की इच्छा और आकांक्षा रखता है , यहां तक कि खेल में भी.’

उन्होंने कहा, ‘ ओलंपिक खेलों ने हमें दिखाया कि आत्म-अनुशासन और समर्पण के साथ हम चैंपियन बन सकते हैं. टीम इंडिया ने उत्कृष्ट प्रदर्शन से प्रेरित किया, जबकि भारत के लोगों ने इस सफलता पर खुशी और जश्न मनाया.’

भारत के अभियान में कई चीजें पहली बार हुई, जिसमें अब तक का सबसे बड़ा 128-सदस्यीय खिलाड़ियों का दल, सात ओलंपिक पदक, एथलेटिक्स स्पर्धा में पहला ओलंपिक स्वर्ण पदक, सिंधु द्वारा लगातार खेलों (रियो और तोक्यो) में पदक और भारतीय पुरुष हॉकी टीम का 41 साल के बाद एक पदक (कांस्य) जीतना शामिल हैं.

इसके साथ ही, महिला हॉकी टीम ने खेलों में अपना सर्वश्रेष्ठ चौथा स्थान हासिल किया.

ठाकुर ने कहा, ‘ हम अपने खिलाड़ियों का समर्थन करना जारी रखेंगे और हम भारत को एक खेल महाशक्ति बनाने का प्रयास करेंगे.’

खेल मंत्री ने गोल्फर अदिति अशोक के चौथे स्थान पर रहने की भी तारीफ की.

ठाकुर के पूर्ववर्ती रीजीजू ने सभी खिलाड़ियों के प्रदर्शन की प्रशंसा की और दोहराया कि भारत 2028 ओलंपिक तक एक ताकत बन जाएगा.

रिजीजू ने कहा, ‘ यह सिर्फ शुरुआत है क्योंकि खेल में भारत का पुनरुत्थान अब दिखाई दे रहा है और मुझे विश्वास है कि 2028 के ओलंपिक तक भारत इसमें एक ताकत बन जाएगा.’

 

कानून मंत्री किरेन रिजिजू इस दौरान काफी उत्साहित दिखे उन्होंने कहा, भारतीय महिला हॉकी टीम को मेडल तो नहीं मिला लेकिन उन्होंने देशवासियों का दिल जीत लिया. पीएम ने टीम से बात की और लोग उस वीडियो को देखकर रो पड़े. यह बहुत ही भावुक क्षण था. आपने 6 खेलों में सात पदक लाकर इतिहास रच दिया.’

रिजिजू ने आगे कहा, ‘मैं देशवासियों की ओर से सभी पदक विजेताओं को बधाई देना चाहता हूं. ये वो पल होते हैं जब आप खुशी को शब्दों में बयां नहीं कर सकते. हम केवल इसे महसूस कर सकते हैं. #Cheer4India के माध्यम से पूरा देश एथलीटों का समर्थन कर रहा था.’

भारतीय ओलंपिक दल का गर्मजोशी से स्वागत, हवाई अड्डे पर अव्यवस्था

ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचने वाले भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा के साथ भारतीय ओलंपिक दल का सोमवार को दिल्ली पहुंचने पर गर्मजोशी से स्वागत किया गया. लेकिन देश के नायकों की झलक पाने के लिए हवाई अड्डे के बाहर जमा भारी भीड़ से अफरा तफरी जैसी स्थिति हो गयी.

भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) के महानिदेशक संदीप प्रधान की अध्यक्षता में एक प्रतिनिधिमंडल ने खिलाड़ियों का स्वागत किया. उनके साथ भारतीय एथलेटिक्स संघ के प्रमुख आदिल सुमारिवाला भी थे.

यहां पहुंचने पर खिलाड़ियों का माल्यार्पण किया गया और गुलदस्ते भेंट किए गए. हवाई अड्डे के कर्मचारियों ने ताली बजाकर उनकी सराहना की और समर्थकों तथा मीडिया कर्मियों की भारी उपस्थिति के कारण बनी अफरा तफरी की स्थिति के बीच उनके लिए बाहर निकलने का रास्ता बनाया.

ऐतिहासिक प्रदर्शन कर लौटे सितारों की एक झलक पाने के लिए जमा हुई भारी भीड़ को महामारी के दौरान लागू सामाजिक दूरी के नियमों की कोई परवाह नहीं थी.

हवाई अड्डे के अंदर और बाहर परिवार के सदस्यों के साथ बड़ी संख्या में प्रशंसक और कुछ स्थानीय नेता मौजूद थे. यह प्रशंसक भारतीय तिरंगा लहरा रहे थे और ढोल तथा बैंड की धुनों पर गाने और थिरकने के साथ पदक विजेता खिलाड़ियों का जयघोष कर रहे थे.

कुछ प्रशंसक हवाई अड्डे के बाहर उत्साह में पुश-अप्स कर रहे थे और हाथों में खिलाड़ियों के स्वागत में तख्तियां लेकर खड़े थे. हवाई अड्डे के अंदर चोपड़ा और अन्य पदक विजेताओं के साथ सेल्फी लेने की होड़ मची थी जिससे उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ा.

खुद को उभरती हुई एथलीट बताने वाली एक छोटी लड़की ने कहा, ‘हम यहां अपने नायकों का समर्थन करने आये है. हमें उन पर गर्व हैं.’

सबसे नाटकीय तरीके से कांस्य-पदक विजेता पहलवान बजरंग पूनिया बाहर निकले. वह एक एसयूवी के ‘सनरूफ’ से बाहर निकल कर हाथ हिलाते हुए प्रशंसकों का अभिवादन कर रहे थे, इस दौरान कई प्रशंसक यातायात नियमों की अनदेखी करते हुए उनके साथ चल रहे थे.

बजरंग को इन खेलों से पहले स्वर्ण पदक का दावेदार माना जा रहा था लेकिन वह कांस्य पदक के साथ लौटे. उन्होंने कहा, ‘हम अगली बार बेहतर करने की कोशिश करेंगे, मेरे घुटने में समस्या थी.’

बीस किलोमीटर पैदल चाल स्पर्धा में भाग लेने वाले केटी इरफान ने कहा, ‘यह पहली बार है जब हम इस तरह का स्वागत देख रहे हैं, यह बहुत खुशी की बात है.’


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