नई दिल्ली: भारत बायोटेक ने गुरुवार को एक ट्वीट में कहा कि कोविड -19 की भारत में निर्मित वैक्सीन कोवैक्सिन को हंगरी से गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिस (GMP) अनुपालन प्रमाणपत्र मिला है.
ट्वीट में कहा गया, ‘हमारे खाते में एक और मील का पत्थर के रूप में COVAXIN को हंगरी से GMP प्रमाणपत्र प्राप्त हुआ. यह यूरोपीय नियामकों से भारत बायोटेक को मिला पहला EUDRAGDMP अनुपालन प्रमाणपत्र है.’
कोवैक्सिन के निर्माण के लिए जीएमपी को प्रमाणित करने वाले नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी एंड न्यूट्रिशन, हंगरी से अनुमोदन प्राप्त हुआ था.
कंपनी ने आगे कहा कि वह दुनिया भर के कई देशों में आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण के लिए दस्तावेज जमा करना चाहती है और प्रयासरत है.
Another milestone in our account as COVAXIN® receives GMP certificate from Hungary. This marks the 1st EUDRAGDMP compliance certificate received by Bharat Biotech from European regulatories.#BharatBiotech #COVAXIN #covaxininhungary pic.twitter.com/0x8BLF2jWR
— BharatBiotech (@BharatBiotech) August 5, 2021
भारत बायोटेक ने कहा, ‘इस मंजूरी के साथ, भारत बायोटेक ने वैश्विक गुणवत्ता मानकों पर टीकों के इनोवेशन, निर्माण और कोविड -19 महामारी के खिलाफ चल रही लड़ाई में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया है.’
Covaxin भारत के दवा नियामक द्वारा अनुमोदित चार टीकों में से एक है और इसका उपयोग राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान में किया जा रहा है. इनमें अन्य तीन हैं एस्ट्राजेनेका द्वारा कोविशील्ड, रूस के गामालेया संस्थान द्वारा स्पुतनिक वी और मॉडर्ना वैक्सीन.
यह भी पढ़ें: कोविड ने पहले 14 महीनों में छीन लिया 1,19,000 भारतीय बच्चों से मां बाप का साया-रिपोर्ट
कोवैक्सीन कोविड-19 के डेल्टा स्वरूप के खिलाफ प्रभावी है: ICMR
आईसीएमआर द्वारा किये गये एक अध्ययन के अनुसार भारत बायोटेक का कोविड-19 टीका कोवैक्सीन (बीबीवी152) कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस (एवाई.1) स्वरूप के खिलाफ प्रभावी है.
शीर्ष स्वास्थ्य अनुसंधान निकाय ने एक ट्वीट में कहा, ‘आईसीएमआर के अध्ययन से पता चलता है कि कोवैक्सीन डेल्टा, डेल्टा एवाई.1 और बी.1.617.3 स्वरूप के खिलाफ प्रभावी है’
अध्ययन में कहा गया है कि आईजीजी एंटीबॉडी का मूल्यांकन किया गया है. इसमें बीबीवी 152 टीके की पूर्ण खुराक वाले व्यक्तियों में कोविड-19 की आशंका को खत्म कर दिया है. इसमें डेल्टा, डेल्टा एवाई.1 और बी.1.617.3 के खिलाफ बीबीवी152 टीकों का मूल्यांकन किया गया.
सार्स-सीओवी-2 स्वरूप बी.1.617.2 (डेल्टा) स्वरूप के हाल में सामने आने के बाद इसके तेजी से फैलने के कारण भारत में दूसरी लहर आई है. कोवैक्सीन की प्रभावशीलता डेल्टा स्वरूप के खिलाफ 65.2 प्रतिशत है.
इसके बाद, डेल्टा आगे डेल्टा एवाई.1, एवाई.2, और एवाई.3 में बदल गया. अध्ययन में कहा गया है कि इनमें से एवाई.1 स्वरूप का पहली बार भारत में अप्रैल 2021 में पता चला था और बाद में 20 अन्य देशों में भी इसके मामले सामने आये.
भारत बायोटेक ने तीन जुलाई को तीसरे चरण के परीक्षणों से कोवैक्सीन प्रभावकारिता के अंतिम विश्लेषण को पूरा करते हुए कहा था कि कोवैक्सीन की कोविड-19 के खिलाफ प्रभावशीलता 77.8 प्रतिशत और बी.1.617.2 डेल्टा स्वरूप के खिलाफ 65.2 प्रतिशत रही थी.
यह भी पढ़ें: भारत ‘स्मॉल बंप’ की ओर बढ़ रहा, अमेरिकी मॉडल बताता है कि नवंबर में कोविड की तीसरी लहर पीक पर होगी