नई दिल्ली: कोरोनावायरस महामारी के प्रकोप और स्थानीय प्रतिबंधों के कारण व्यावसायिक गतिविधियों, नए ऑर्डर और रोजगार में बड़े पैमाने पर कमी के चलते भारत के सेवा क्षेत्र में जुलाई में लगातार तीसरे महीने गिरावट हुई.
मौसमी रूप से समायोजित भारत सेवा कारोबार गतिविधि सूचकांक जुलाई में 45.4 अंक रहा, जो जून में 41.2 अंक था. परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) की भाषा में 50 से ऊपर अंक का मतलब गतिविधियों में विस्तार होता है, जबकि 50 से नीचे का अंक संकुचन को दर्शाता है.
आईएचएस मार्किट में अर्थशास्त्र की संयुक्त निदेशक पोलीन्ना डी लीमा ने कहा, ‘इस समय कोविड-19 महामारी को लेकर बना माहौल सेवा क्षेत्र के प्रदर्शन पर भारी पड़ रहा है, जबकि यह क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. जुलाई के आंकड़े कुछ हद तक निराशाजनक हैं, हालांकि गिरावट की रफ्तार कुछ कम हुई है.’
सर्वेक्षण के मुताबिक कंपनियां पहली बार अगले एक साल में उत्पादन के लिए निराशावादी थीं.
लीमा ने कहा, ‘महामारी खत्म होने को लेकर अनिश्चितता के साथ ही मुद्रास्फीति के दबाव और वित्तीय परेशानियों ने जुलाई में कारोबारी विश्वास को कम किया. सेवा प्रदाता एक साल में पहली बार व्यावसायिक गतिविधि के परिदृश्य को लेकर निराशावादी थे.’
सर्वेक्षण के मुताबिक इस दौरान सेवा क्षेत्र की नौकरियों में और कमी आई.