टोक्यो: भारत के स्टार एथलीट नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक की भाला फेंक प्रतियोगिता के क्वालीफाइंग में बुधवार को यहां शीर्ष पर रहते हुए फाइनल में जगह बनाई लेकिन उनके हमवतन शिवपाल सिंह लचर प्रदर्शन करते हुए पदक की दौड़ से बाहर हो गए.
ओलंपिक में पदार्पण कर रहे चोपड़ा ने अपने पहले ही प्रयास में भाले को 86.65 मीटर की दूरी तक फेंककर 83.50 मीटर का स्वत: क्वालीफिकेशन स्तर हासिल करते हुए फाइनल के लिए क्वालीफाई किया और भारत के लिए पदक की उम्मीद जगाई.
एशियाई खेलों, राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई चैंपियनशिप के स्वर्ण पदक विजेता चोपड़ा ने पहले ही प्रयास में फाइनल के लिए क्वालीफाई करने के बाद अपने बाकी दो प्रयास नहीं करने का फैसला किया. क्वालीफिकेशन में तीन प्रयास का मौका मिलता है जिसमें से सर्वश्रेष्ठ प्रयास को गिना जाता है.
पूर्व विश्व जूनियर चैंपियन चोपड़ा ग्रुप ए और ग्रुप बी में 32 खिलाड़ियों में शीर्ष पर रहे. उनका निजी और सत्र का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 88.07 मीटर है जो उन्होंने मार्च 2021 में पटियाला में इंडियन ग्रां प्री 3 में बनाया था.
शिवपाल ने हालांकि निराश किया. वह अपने पहले प्रयास में 76.40 मीटर, दूसरे में 74.80 मीटर और तीसरे प्रयास में 74.81 मीटर की दूरी ही तय कर पाए और ग्रुप बी में 16 खिलाड़ियों के बीच 12वें और कुल 27वें स्थान पर रहे.
शिवपाल 86.23 मीटर के अपने निजी सर्वश्रेष्ठ और 81.63 मीटर के सत्र के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के आसपास भी नहीं पहुंच पाए.
ग्रुप ए से रियो ओलंपिक में चौथे स्थान पर रहे और टोक्यो खेलों में खिताब के प्रबल दावेदार माने जा रहे जर्मनी के योहानेस वेटेर (85.65 मीटर) और फिनलैंड के लेसी एटलेटालो (84.50 मीटर) भी क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर रहते हुए स्वत: क्वालीफिकेशन स्तर हासिल करने में सफल रहे. दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी और 2017 के विश्व चैंपियन वेटेर ने अपने तीसरे और अंतिम प्रयास जबकि लेसी ने पहले ही प्रयास में फाइनल में जगह बनाई. एटलेटालो का यह प्रयास उनका सत्र का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है.
वेटेर ने इससे पहले कहा था कि चोपड़ा के लिए ओलंपिक में उन्हें हराना मुश्किल होगा लेकिन क्वालीफिकेशन में भारतीय खिलाड़ी जर्मनी के खिलाड़ी पर भारी पड़ा.
ग्रुप बी से पाकिस्तान के अरशद नदीम (85.16 मीटर), चेक गणराज्य के याकुब वादलेच (84.93 मीटर) और जर्मनी के जूलियन वेबर (84.41 मीटर) स्वत: क्वालीफिकेशन स्तर हासिल करने में सफल रहे.
भारतीय सेना के चोपड़ा की ओलंपिक की तैयारियां 2019 में कोहनी की चोट और फिर कोविड-19 महामारी के कारण प्रभावित हुई थी लेकिन उन्होंने अपने प्रशंसकों को बिल्कुल निराश नहीं किया और ओलंपिक में अपनी पहली ही थ्रो पर फाइनल में जगह बना ली. वह ओलंपिक से पहले सिर्फ तीन अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले पाए थे. इसमें कुआर्टेन खेल ही विश्व स्तरीय प्रतियोगिता थी जहां चोपड़ा तीसरे स्थान पर रहे थे जबकि वेटेर ने खिताब जीता था.
भाला फेंक में ग्रुप ए और ग्रुप बी से 83.50 मीटर का स्वत: क्वालीफिकेशन स्तर हासिल करने वाले खिलाड़ियों सहित शीर्ष 12 खिलाड़ियों ने फाइनल में जगह बनाई. फाइनल सात अगस्त को होंगे.
ओलंपिक स्टेडियम में भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) के अध्यक्ष आदिल सुमारिवाला और चोपड़ा के बायो-मैकेनिक्स विशेषज्ञ क्लॉस बार्टोनीट्ज सहित भारतीय एथलेटिक्स दल देश के खिलाड़ियों की हौसलाअफजाई के लिए मौजूद था.
यह भी पढ़ें: स्वतंत्रता दिवस पर भारतीय ओलंपिक दल को लाल किला और अपने घर पर आमंत्रित करेंगे PM मोदी