scorecardresearch
Wednesday, 20 November, 2024
होमदेशजुलाई में सामान्य से 7% कम बारिश, आंकड़ा 90 से 96 के बीच : IMD

जुलाई में सामान्य से 7% कम बारिश, आंकड़ा 90 से 96 के बीच : IMD

तटीय क्षेत्रों और मध्य महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक में जुलाई में अत्यधिक बारिश दर्ज की गई. महाराष्ट्र में कई शहर और नगरों में बहुत भारी बारिश हुई और इसके चलते भूस्खलन जैसी भीषण घटनाएं हुईं.

Text Size:

नई दिल्ली: भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने रविवार को कहा कि जुलाई में सामान्य से सात प्रतिशत कम वर्षा दर्ज की गई. हालांकि, दक्षिण-पश्चिमी मानसून ने महीने के पहले सप्ताह में फिर से जोर पकड़ा था जिसकी वजह से देश के कई हिस्सों में बाढ़, बादल फटने और भूस्खलन जैसी घटनाएं हुईं.

आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि जुलाई में सात प्रतिशत कम वर्षा हुई जो दीर्घावधि औसत (एलपीए) के लगभग 93 प्रतिशत के आसपास है.

बारिश का आंकड़ा जब 96 से 104 के बीच होता है तो उसे सामान्य कहा जाता है, जबकि 90 से 96 के बीच बारिश को सामान्य से कम माना जाता है.

तटीय क्षेत्रों और मध्य महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक में जुलाई में अत्यधिक भारी बारिश दर्ज की गई. महाराष्ट्र में कई शहर और नगरों में बहुत भारी बारिश हुई और इसके चलते भूस्खलन जैसी भीषण घटनाएं हुईं जिनमें दर्जनों लोगों की मौत हो गई और संपत्ति को भी भारी नुकसान हुआ.

उत्तरी राज्यों-जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख में बादल फटने की घटनाएं भी हुईं जिनमें कई लोग मारे गए.

राष्ट्रीय राजधानी में भी काफी अच्छी वर्षा गतिविधि देखी गई. लेकिन कुल मिलाकर जुलाई महीने में सामान्य से सात प्रतिशत कम बारिश हुई.

आईएमडी ने जुलाई में सामान्य वर्षा का पूर्वानुमान व्यक्त किया था.

महापात्र ने कहा, ‘हमने जुलाई में सामान्य बारिश होने का पूर्वानुमान व्यक्त किया था जो कहीं-कहीं एलपीए का लगभग 96 प्रतिशत थी. जुलाई में देश में सर्वाधिक बारिश हुई, लेकिन उत्तर भारत के ऊपर आठ जुलाई तक कोई वर्षा गतिविधि नहीं थी जो बारिश में कमी की वजह हो सकती है.’

दक्षिण-पश्चिमी मानसून केरल में अपने निर्धारित समय से दो दिन बाद तीन जून को पहुंचा था. हालांकि, यह 19 जून तक देश के पूर्वी, पश्चिमी, दक्षिणी और उत्तरी क्षेत्रों में तेजी से पहुंचा.

लेकिन इसके बाद यह ऐसे चरण में पहुंच गया जहां कोई वर्षा गतिविधि नहीं थी. आठ जुलाई से यह पुन: सक्रिय होना शुरू हुआ.

दक्षिण-पश्चिमी मानसून दिल्ली में 16 दिन की देरी से 13 जुलाई को पहुंचा और इसी दिन इसने समूचे देश को अपनी जद में ले लिया.

share & View comments