नई दिल्ली: भारत के अगस्त महीने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की अध्यक्षता संभालने के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को कहा कि भारत हमेशा संयम की आवाज, वार्ता का पैरोकार और अंतरराष्ट्रीय कानून का समर्थक बना रहेगा.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने इसे ‘महत्वपूर्ण दिन’ बताया और दुनिया को लेकर भारत के दृष्टिकोण का वर्णन करने के लिए ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ (दुनिया एक परिवार है) का उल्लेख किया.
जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘अगस्त के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता संभालने के साथ हम अन्य सदस्यों के साथ सार्थक रूप से काम करने के लिए उत्सुक हैं. भारत हमेशा संयम की आवाज, संवाद का हिमायती और अंतरराष्ट्रीय कानून का समर्थक रहेगा.’
बागची ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत का कार्यकाल पांच ‘स’-सम्मान, संवाद, सहयोग, शांति और समृद्धि से निर्देशित होगा. भारत की अध्यक्षता का पहला कामकाजी दिन दो अगस्त होगा. भारत ने एक जनवरी को यूएनएससी के गैर स्थायी सदस्य के तौर पद दो साल का कार्यकाल शुरु किया.
अस्थायी सदस्य के तौर पर यूएनएससी में भारत का यह सातवां कार्यकाल है. इससे पहले भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में 1950-51, 1967-68, 1972-73, 1977-78, 1984-85 और 1991-92 में सदस्य रह चुका है. वैश्विक निकाय के लिए अपने चुनाव के बाद, भारत ने कहा कि वह अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए जिम्मेदार और समावेशी समाधानों को बढ़ावा देगा.