scorecardresearch
Friday, 22 November, 2024
होमदेशSC ने केरल विधानसभा में 2015 में हुए हंगामे में LDF विधायकों के खिलाफ मामले वापस लेने की अपील खारिज की

SC ने केरल विधानसभा में 2015 में हुए हंगामे में LDF विधायकों के खिलाफ मामले वापस लेने की अपील खारिज की

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने इस बात पर गौर किया कि स्वतंत्र अभिव्यक्ति का अधिकार और सांसदों के विशेषाधिकार उन्हें आपराधिक मामलों संबंधी कानून के खिलाफ सुरक्षा प्रदान नहीं करते.

Text Size:

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने केरल सरकार की एक याचिका समेत वे याचिकाएं बुधवार को खारिज कर दीं, जिनमें 2015 में केरल विधानसभा में हंगामा करने के संबंध में वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) विधायकों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले वापस लेने की राज्य सरकार की याचिका खारिज करने के उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी गई थी.

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने इस बात पर गौर किया कि स्वतंत्र अभिव्यक्ति का अधिकार और सांसदों के विशेषाधिकार उन्हें आपराधिक मामलों संबंधी कानून के खिलाफ सुरक्षा प्रदान नहीं करते.

पीठ ने कहा कि सार्वजनिक संपत्ति नष्ट करने को सदन के सदस्यों के रूप में कार्यों के निर्वहन के लिए आवश्यक प्रक्रिया के समान नहीं समझा नहीं जा सकता.

विधानसभा में 13 मार्च, 2015 को उस समय अप्रत्याशित घटना हुई थी, जब उस समय विपक्ष की भूमिका निभा रहे एलडीएफ के सदस्यों ने तत्कालीन वित्त मंत्री के एम मणि को राज्य का बजट पेश करने से रोकने की कोशिश की थी. मणि रिश्वत घोटाले में आरोपों का सामना कर रहे थे.

तत्कालीन एलडीएफ सदस्यों ने अध्यक्ष की कुर्सी को मंच से फेंकने के अलावा पीठासीन अधिकारी की मेज पर लगे कंप्यूटर, की-बोर्ड और माइक जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को भी कथित रूप से क्षतिग्रस्त कर दिया गया था.

केरल सरकार ने उच्च न्यायालय के 12 मार्च के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत में दायर अपनी याचिका में दावा किया था कि अदालत ने इस बात पर गौर नहीं किया कि कथित घटना उस समय हुई, जब विधानसभा का सत्र चल रहा था और अध्यक्ष की ‘पूर्व स्वीकृति के बिना’ कोई मामला दर्ज नहीं किया जा सकता था.


यह भी पढ़ें: 2015 में केरल विस में हंगामा: न्यायालय ने एलडीएफ विधायकों के खिलाफ मामले वापस लेने की अपील खारिज की


 

share & View comments