जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट की भूमिका को बहुसंख्यकवाद के खिलाफ बताया है जो कि काफी हृदयस्पर्शी है. धार्मिक और सामाजिक-आर्थिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा शीर्ष अदालत पर निर्भर है, खासकर जब बहुसंख्यकवाद व्यापक स्वीकार्यता प्राप्त कर रहा है. न्यायपालिका की अंतरात्मा को आवाज देने के लिए चंद्रचूड़ को धन्यवाद देना चाहिए.