नई दिल्ली: काम में समय के पाबंद रहिए, मीडिया को अनावश्यक बयान देने से बचिए, सरकारी स्कीमों का लाभार्थियों तक पहुंचना सुनिश्चित कीजिए और उन वरिष्ठों से मार्गदर्शन लीजिए जिनकी जगह आपने ली है- सरकारी सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि ये वो सलाह थी, जो बृहस्पतिवार को एक बड़े कैबिनेट फेरबदल के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी मंत्रिपरिषद के सदस्यों को दी.
पीएम ने अपने सहयोगी मंत्रियों को कोविड से लड़ाई में ‘लापरवाही या आत्मसंतुष्टि’ से भी आगाह किया और कहा कि एक ज़रा सी ग़लती के लंबे परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं, और महामारी को क़ाबू करने की जंग कमज़ोर पड़ सकती है.
उन्होंने ये भी कहा कि ऐसे समय में लापरवाही या संतुष्टि के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए.
मोदी कैबिनेट में 36 नए चेहरे शामिल किए गए हैं, जिसके बाद अब उसकी कुल संख्या 78 पहुंच गई है. फेरबदल में छह कैबिनेट मंत्रियों समेत कुल 12 बारह मंत्रियों को बाहर किया गया, ताकि कुछ मौजूदा मंत्रियों की पदोन्नति और कुछ नए चेहरों के शामिल करने का रास्ता साफ हो सके.
बाहर किए गए मंत्रियों में अन्य के अलावा, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन, आईटी एवं क़ानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद, सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, रसायन व उर्वरक मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा और श्रम मंत्री संतोष गंगवार शामिल हैं.
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‘मंत्रियों को उनके प्रदर्शन के आधार पर नहीं हटाया गया, उनका मार्गदर्शन लीजिए’
शाम 7 बजे शुरू हुई बैठक में जो क़रीब 3 घंटे तक चली, पीएम ने उन 12 मंत्रियों की प्रशंसा की, जिन्हें बुधवार को कैबिनेट से बाहर किया गया था.
बैठक में शामिल रहे एक मंत्री ने नाम छिपाने की शर्त पर दिप्रिंट को बताया, ‘पीएम ने हमसे कहा कि पूर्व मंत्रियों से मुलाकात करें, उनके अनुभवों से फायदा उठाएं, उनसे परामर्श करें और उनका मार्गदर्शन हासिल करें…उन्होंने कहा कि मंत्रियों को उनके प्रदर्शन के आधार पर नहीं हटाया गया. उसके पीछे विचार ये था कि युवा चेहरों को लाकर नई ऊर्जा फूंकी जाए’.
नए मंत्रिमंडल की औसत उम्र अब 61 वर्ष से घटकर 58 वर्ष पर आ गई है.
एक सरकारी सूत्र ने बताया कि पीएम ने ख़ासकर नए शामिल हुए मंत्रियों को आगाह किया कि मीडिया को अनावश्यक या विवादास्पद बयान देने से बचें और उसकी बजाय अपने काम पर ध्यान दें तथा मिशन मोड में परियोजना को पूरा कराने का काम करें. सूत्र ने कहा, ‘पीएम ने कहा कि हमारा फोकस ये सुनिश्चित करना होना चाहिए कि विभिन्न सरकारी योजना का लाभ उन लोगों तक पहुंच जाए जिनके लिए वो बनी हैं’.
सूत्र ने आगे कहा कि पीएम ने इस बात पर भी बल दिया कि मंत्रियों को टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल में निपुण होना चाहिए.
‘कोविड का ख़तरा बिल्कुल भी गया नहीं है’
सूत्रों ने कहा कि पीएम ने उन वीडियोज़ और तस्वीरों पर भी चिंता जताई, जिनमें लोग तमाम सावधानियों को दरकिनार करते हुए बिना मास्क पहने सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन करते नज़र आ रहे हैं.
पीएम ने कहा, ‘ये कोई अच्छा नज़ारा नहीं है और इससे हमारे अंदर डर की भावना पैदा होनी चाहिए’. उन्होंने ये भी कहा कि इस समय लापरवाही या संतुष्टि के लिए कोई गुंजाइश नहीं होनी चाहिए.’
सूत्रों ने कहा कि मोदी ने अपने सहयोगी मंत्रियों से ये भी कहा, ‘देश में कोविड संख्या घटने के साथ लोगों में बाहर निकलने की इच्छा हो सकती है, लेकिन हर किसी को याद रखना चाहिए कि ‘कोविड का ख़तरा बिल्कुल भी गया नहीं है’.
सूत्र ने आगे कहा, ‘पीएम ने कहा कि बहुत से दूसरे देशों में संक्रमण में उछाल देखा जा रहा है. वायरस अपने रूप भी बदल रहा है’.
पीएम ने कथित रूप से अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों से कहा, ‘मंत्रियों के नाते हमारा मक़सद लोगों में डर फैलाना नहीं होना चाहिए, बल्कि हमें लोगों से आग्रह करना चाहिए कि हर संभव एहतियात करें, जिससे कि हम आने वाले समय में इस महामारी से आगे बढ़ सकें’.
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