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Thursday, 21 November, 2024
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अडाणी समूह ने अपने विदेशी निवेशकों के खातों को जब्त किए जाने वाली खबर को गलत बताया

अडाणी समूह की पांच कंपनियों में उनकी हिस्सेदारी का मूल्य सोमवार को शेयरों में गिरावट से पहले तक 7.78 अरब अमेरिकी डॉलर पर था.

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नई दिल्ली: अरबपति कारोबारी गौतम अडाणी के कंपनी समूह ने सोमवार को कहा कि उसके पास इस बात की लिखित जानकारी है कि उसके शीर्ष शेयरधारकों में शामिल तीन विदेशी फंड के खाते जब्त नहीं किए गए हैं और इस तरह की खबर ‘स्पष्ट रूप से गलत और भ्रामक’ हैं.

अडाणी समूह की कंपनियों में हिस्सेदारी रखने वाले कुछ एफपीआई खातों को राष्ट्रीय प्रतिभूति डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) द्वारा कथित रूप से जब्त करने की खबर के बाद इन कंपनियों के शेयरों में सोमवार को गिरावट देखी गई.

समूह की प्रमुख कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज के साथ ही अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन, अडाणी ग्रीन एनर्जी, अडाणी टोटल गैस, अडाणी ट्रांसमिशन और अडाणी पावर ने शेयर बाजार को बताया कि समूह की कंपनियों में हिस्सेदारी रखने वाले निवेश कोषों अल्बुला इंवेस्टमेंट फंड, क्रेस्टा फंड और एपीएमएस इन्वेस्टमेंट फंड, के खातों को एनएसडीएल द्वारा जब्त करने की खबर ‘स्पष्ट रूप से भ्रामक है और जानबूझकर निवेशक समुदाय को गुमराह करने के लिए फैलाई गई है.’

इन कंपनियों ने कहा, ‘इससे बड़े पैमाने पर निवेशकों को आर्थिक क्षति और समूह की प्रतिष्ठा को अपूरणीय नुकसान हो रहा है.’

उन्होंने कहा कि मुद्दे की गंभीरता और अल्पांश निवेशकों पर इसके प्रतिकूल असर को देखते हुए ‘हमने उपरोक्त फंड के डीमैट खातों की स्थिति के संबंध में पंजीयक और स्थानांतरण एजेंट से अनुरोध किया था और 14 जून 2021 की दिनांक वाले ई-मेल के जरिए इस बात की लिखित पुष्टि की गई है कि उपरोक्त फंड जिन डीमैट खातों में कंपनी के शेयरों को रखते हैं उन डी मैट खातों को जब्त नहीं किया गया है.’

हालांकि, एनएसडीएल की वेबसाइट में बिना कोई कारण बताए अल्बुला इन्वेस्टमेंट फंड, क्रेस्टा फंड और एपीएमएस इंवेस्टमेंट फंड के खातों को जब्त किया हुआ दर्शाया गया है.

वेबसाइट पर अल्बुला इन्वेस्टमेंट फंड लिमिटेड (पैन नंबर एएएचसीए3597क्यू), एपीएमएस इंवेस्टमेंट फंड लिमिटेड (पैन नंबर एएईसीएम5148ए) और क्रेस्टा फंड लिमिटेड (पैन नंबर एएडीसीसी2634ए) को ‘एकाउंट लेबल फ्रीज’ के रूप में सूचीबद्ध किया गया है.

हालांकि, समूह के एक सूत्र ने कहा कि रजिस्ट्रार ने लिखित में बताया है कि जिन खातों में अडाणी समूह के शेयर हैं, उन्हें जब्त नहीं किया गया है.

तीनों फंड एडाणी समूह के शीर्ष 12 निवेशकों में शामिल हैं और वार्षिक निवेशक प्रस्तुतियों के मुताबिक 31 मार्च 2020 की स्थिति के मुताबिक अडाणी समूह की पांच कंपनियों में इन कोषों की लगभग 2.1 प्रतिशत से 8.91 प्रतिशत तक हिस्सेदारी है.

अडाणी समूह की पांच कंपनियों में उनकी हिस्सेदारी का मूल्य सोमवार को शेयरों में गिरावट से पहले तक 7.78 अरब अमेरिकी डॉलर पर था.

बाद में अडाणी समूह ने एक बयान में कहा कि ये एफपीआई (विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक) एक दशक से अधिक समय से अडाणी एंटरप्राइजेज में निवेशक हैं और कंपनी की अलग-अलग कारोबार वाली इकाइयों के अस्तित्व में आने के बाद उसकी पोर्टफोलियो कंपनियों में भी उनकी हिस्सेदारी आ गई.

बयान में कहा गया, ‘हमारे सभी व्यवसायों को 1994 में स्थापित प्रमुख कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड द्वारा शुरू किया गया था और पिछले सात वर्षों के दौरान अडाणी पोर्ट्स, अडाणी ट्रांसमिशन, अडाणी ग्रीन एनर्जी और अडाणी गैस लिमिटेड को अलग कर भारतीय शेयर बाजारों में सूचीबद्ध किया गया.’

बयान में आगे कहा गया कि अडाणी एंटरप्राइजेज अभी भी हवाई अड्डों, सड़क, डेटा केंद्र, सौर विनिर्माण जैसे नए कारोबार को बढ़ाने के लिए काम कर रही है और इन कारोबारों के अलग इकाई के तौर पर सूचीबद्ध होने के बाद निवेशकों को काफी फायदा मिलेगा.

अडाणी समूह के विभिन्न कारोबारों में निवेशकों का आकर्षण बना हुआ है. प्राथमिक और द्धितीयक बाजारों में निवेशक और रणनीतिक भागीदार कंपनी में रुचि दिखा रहे हैं.


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