अहमदाबाद : गुजरात विधानसभा की कार्यवाही का सीधा प्रसारण तथा अन्य दस्तावेज ऑनलाइन उपलब्ध कराने की मांग करने वाली जनहित याचिका का राज्य सचिवालय ने उच्च न्यायालय में विरोध किया है. सचिवालय का तर्क है कौन सी जानकारी प्रकाशित/प्रसारित करने के लिहाज से उपयुक्त है, इस बारे में फैसला करने का अधिकार विधानसभा का है.
उच्च न्यायालय में मामले पर सुनवाई के दौरान सचिवालय ने न्यायमूर्ति आरएम छाया और न्यायमूर्ति निर्जर एस देसाई की खंडपीठ को सूचित किया कि सदन की कार्यवाही तथा अन्य दस्तावेजों को नियमित रूप से सार्वजनिक करना और उन्हें अद्यतन करना सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत उसके लिए कानूनी तौर पर बाध्यकारी नहीं है.
नीता हार्दिकर की जनहित याचिका में मांग की गई है कि अदालत विधानसभा को यह निर्देश दे कि वह सदन की पुरानी और जारी कार्यवाही की प्रतिलिपि तथा इनसे संबंधित जानकारी को अपनी वेबसाइट पर गुजराती तथा अंग्रेजी भाषा में नियमित तौर पर अपडेट करे.
इसके जवाब में सचिवालय की ओर से दाखिल हलफनामे में कहा गया, ‘कौन सी जानकारी प्रकाशन/प्रसारण के लिहाज से उपयुक्त है यह तय करने का अधिकार गुजरात विधानसभा को है.’