नई दिल्लीः दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को केंद्र को ‘ब्लैक फंगस’ के उपचार में उपयोगी लिपोसोमल एम्फोटेरिसिन-बी के वितरण के लिये नीति बनाने एवं मरीजों की प्राथमिकता बताने का निर्देश दिया ताकि सभी नहीं तो, कुछ जिंदगियां बचायी जा सकें.
उच्च न्यायालय ने कहा कि दवा देते समय यह ध्यान रखा जाए कि जिनके जीवित रहने की बेहतर संभावना है, उन्हें एवं कम आयु वर्ग के लोगों को, उन वृद्धों की तुलना में प्राथमिकता दी जानी चाहिए, जिन्होंने अपनी जिंदगी जी ली है.
न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने कहा कि केंद्र अपनी नीति में यह अपवाद कर सकता है कि जो शीर्ष पदों पर राष्ट्र की सेवा कर रहे हैं और जिसकी सुरक्षा उनकी अहम भूमिकाओं के चलते जरूरी है, उन्हें यह दवा दी जाए.
उसने कहा कि इस दवा की दिल्ली समेत पूरे देश में पिछले दो सप्ताह से कमी है.
अदालत ने कहा कि यह सही वक्त है कि विभिन्न रोगों के मरीजों के उपचार के लिए दिशा-निर्देश तय करने वाली भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ब्लैक फंगस के उपचार के सिलसिले में लिपोसोमल एम्फोटेरिसिन -बी, एम्फोटेरिसिन -बी, और पोसाकोनाजोन के इस्तेमाल को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करे.
यह भी पढ़ेंः ब्लैक फंगस का इलाज देने की बजाय जनता को औपचारिकताओं में क्यों फंसा रही है सरकार: राहुल गांधी