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Sunday, 17 November, 2024
होमडिफेंसथल सेना, नौसेना, वायुसेना, कोस्टगार्ड और BRO के कर्मियों में जल्द पूरा हो जाएगा 100% वैक्सीनेशन

थल सेना, नौसेना, वायुसेना, कोस्टगार्ड और BRO के कर्मियों में जल्द पूरा हो जाएगा 100% वैक्सीनेशन

जब पूरा देश वैक्सीनेशन के लिए जूझ रहा है ऐसे समय में 97 फीसदी सेना के अधिकारियों को वैक्सीन का पहला डोज लग चुका है वहीं 76 फीसदी को दोनों शॉट्स लग चुके हैं.

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नई दिल्ली: वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों का कहना है, कि भारतीय सशस्त्र बलों में टीकाकरण का काम पूरा होने वाला है. 97 प्रतिशत से अधिक कर्मियों को वैक्सीन की पहली ख़ुराक मिल चुकी है, और लगभग 76 प्रतिशत को, दूसरी ख़ुराक भी दी जा चुकी है.

इस संख्या में भारतीय कोस्ट गार्ड, और सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के कर्मियों के आंकड़े भी शामिल हैं.

रक्षा सूत्रों के अनुसार, 13 लाख संख्या की थल सेना में 99 प्रतिशत को, वैक्सीन का पहला डोज़ दिया जा चुका है, जबकि सभी कर्मियों में केवल 18 प्रतिशत बचे हैं, जिन्हें वैक्सीन का दूसरा डोज़ दिया जाना बाक़ी है.

सभी आईएएफ कर्मियों को, वैक्सीन की पहली ख़ुराक मिल चुकी है. सिर्फ 10 प्रतिशत बचे हैं, जिन्हें दूसरा डोज़ दिया जाना है.

नौसेना में भी लगभग 100 प्रतिशत कर्मियों को, पहली ख़ुराक मिल चुकी है, और 70 प्रतिशत से अधिक को, दूसरा डोज़ भी दिया जा चुका है. नौसेना कर्मी जो लंबे समय के लिए समुद्र पर तैनात रहते हैं, उन्हें वापस आने पर टीका लगाया जाता है. सेवा में पहले डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मियों को टीके लगाए गए.

आईएएफ में तक़रीबन दो लाख कर्मी हैं, जबकि नौसेना में ये संख्या लगभग एक लाख है.

सूत्रों ने बताया कि टीका लगाए गए कर्मियों में, कोई गंभीर दुष्परिणाम नहीं देखे गए हैं.


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रक्षा बलों में टीकाकरण कार्यक्रम

रक्षा मंत्रालय सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया, कि महामारी शुरू होने के बाद से, तीनों सेवाओं, बीआरओ, और कोस्ट गार्ड में कुल मिलाकर, 44,000 कोविड-19 मामले दर्ज किए गए हैं. 150 से कुछ कम कर्मी मौत का शिकार हुए हैं.

सूत्रों ने पहले दिप्रिंट को बताया था, कि रक्षा सेवाओं के लिए टीकाकरण अभियान तेज़ी से आगे बढ़ रहा था. चूंकि वो फ्रंटलाइन वर्कर्स हैं, इसलिए उनमें हर आयु वर्ग का टीकाकरण हो रहा है. सीमावर्त्ती इलाक़ों में तैनात कर्मियों के लिए, अलग से कोई प्राथमिकता नहीं है.

सशस्त्र बलों में कोविशील्ड वैक्सीन इस्तेमाल की जा रही है.

सेवारत कर्मियों के आश्रितों को भी, जो 45 वर्ष से अधिक के हैं, सेवा अस्पतालों में राष्ट्रीय नीति के अनुरूप टीके लगाए जा रहे हैं. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के तय आयु मानदंडों के मुताबिक़, सभी बल अपने सेवानिवृत्त कर्मियों को भी टीके लगा रहे हैं.

सशस्त्र बलों के कर्मियों को टीका लगाने की तैयारियां, पिछले साल शुरू हो गईं थीं. इस साल जनवरी में, पहले चरण में लेह, लद्दाख़ में तैनात सेना के क़रीब 4,000 सैनिकों को, कोविड-19 वैक्सीन की पहली ख़ुराक दी गई थी.

असैनिकों की सहायता

तीनों सेवाओं ने अपने संसाधनों को, देश की सहायता में भी झोंक दिया है, जो फिलहाल कोविड मामलों में रिकॉर्ड उछाल से जूध रहा है.

फिलहाल सभी बल सैन्य अस्पतालों में इनफ्रास्ट्रक्चर को सुधारने में लगे हैं, और डॉक्टरों तथा मेडिकल स्टाफ को ऐसे शहरों में तैनात कर रहे हैं, जहां मामलों में उछाल देखा जा रहा है. सभी बल दिल्ली को ऑक्सीजन सिलिंडर्स, तथा आवश्यक दवाओं की सप्लाई भी पहुंचा रहे हैं, जो इन आइटम्स की ज़बर्दस्त क़िल्लत से जूझ रही है.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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