नई दिल्ली: हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार एवं उपन्यासकार नरेंद्र कोहली का शनिवार को निधन हो गया. वह 81 वर्ष के थे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत समेत कई लोगों ने साहित्य में कोहली के योगदान का उल्लेख करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी.
पारिवारिक सूत्रों के अनुसार कोहली का कोरोना संक्रमण के कारण शनिवार को राजधानी दिल्ली के एक अस्पताल में निधन हो गया.
कोहली ने दिल्ली विश्वविद्यालय के मोतीलाल नेहरू कॉलेज में हिंदी के प्राध्यापक के रूप में भी काम किया था. महाभारत पर आधारित उनका विशाल उपन्यास ‘महासमर’ तथा स्वामी विवेकानंद के जीवन पर आधारित उपन्यास ‘तोड़ो कारा तोड़ो’ काफी लोकप्रिय हुए.
प्रधानमंत्री ने उनके निधन पर शोक जताते हुए ट्वीट कर कहा, ‘सुप्रसिद्ध साहित्यकार नरेंद्र कोहली जी के निधन से अत्यंत दुख पहुंचा है. साहित्य में पौराणिक और ऐतिहासिक चरित्रों के जीवंत चित्रण के लिए वे हमेशा याद किए जाएंगे. शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं.’
सुप्रसिद्ध साहित्यकार नरेंद्र कोहली जी के निधन से अत्यंत दुख पहुंचा है। साहित्य में पौराणिक और ऐतिहासिक चरित्रों के जीवंत चित्रण के लिए वे हमेशा याद किए जाएंगे। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति!
— Narendra Modi (@narendramodi) April 17, 2021
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट कर कहा, ‘प्रख्यात साहित्यकार डॉ. नरेंद्र कोहली के निधन से बहुत दुख हुआ. हिंदी साहित्य जगत में उनका विशेष योगदान रहा है. उन्होंने हमारे पौराणिक आख्यानों को आधुनिक परिप्रेक्ष्य में विश्व के समक्ष प्रस्तुत किया. पद्मश्री से सम्मानित श्री कोहली के परिवार और पाठकों के प्रति मेरी शोक संवेदना.’
प्रख्यात साहित्यकार डॉ. नरेन्द्र कोहली के निधन से बहुत दुख हुआ। हिंदी साहित्य जगत में उनका विशेष योगदान रहा है। उन्होंने हमारे पौराणिक आख्यानों को आधुनिक परिप्रेक्ष्य में विश्व के समक्ष प्रस्तुत किया। पद्मश्री से सम्मानित श्री कोहली के परिवार और पाठकों के प्रति मेरी शोक संवेदना।
— President of India (@rashtrapatibhvn) April 17, 2021
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने ट्वीट कर अपने शोक संदेश में कहा, ‘प्रसिद्ध साहित्यकार श्री नरेंद्र कोहली के निधन के दुखद समाचार से हृदय को अतीव दुख पहुंचा. कोहली जी ऐसे शब्द योगी थे जिन्होंने अपने लेखन से इस माटी की विरासत और समृद्ध परंपराओं को युगानुकूल संदर्भों में परिभाषित किया. उनके जाने से साहित्य के एक प्राज्ज्वलयमान अध्याय का अंत हो गया है.’
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ नरेंद्र कोहली जी के निधन से अत्यंत दुःखी हूं. उन्होंने अपनी कालजयी लेखनी से विश्वभर में भारत की पौराणिक संस्कृति का उत्कृष्ट चित्रण प्रस्तुत किया. उनके निधन से साहित्य के एक युग का अंत हो गया. उनके परिजनों व प्रशंसको के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं. ॐ शांति!’
नरेंद्र कोहली को उनके लेखन के लिए हिन्दी अकादमी, साहित्य सम्मान, साहित्य भूषण और डॉ कामिल बुल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. 2017 में उन्हें भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म श्री से भी सम्मानित किया गया था.
(भाषा के इनपुट्स के साथ)
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