लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने दावा किया है कि पिछले चार वर्षों के दौरान उसने राज्य में कथित तौर पर गैंगस्टरों के अवैध कब्जे वाली 1,000 करोड़ रुपये की संपत्ति को जब्त और ध्वस्त किया है.
दिप्रिंट को मिले गृह विभाग और यूपी पुलिस के डेटा के मुताबिक, ध्वस्त की गई संपत्तियों में से अधिकांश मुख्तार अंसारी, सुंदर भाटी, अतीक अहमद, बबलू श्रीवास्तव और खान मुबारक जैसे हाई-प्रोफाइल माफिया से संबंधित थीं.
सरकार का कहना है कि वह उत्तर प्रदेश गैंगस्टर्स और एंटी-सोशल एक्टिविटीज (प्रिवेंशन) एक्ट, 1986 के तहत काम कर रही है, जिसे इसी साल फरवरी में संशोधित करके डिप्टी कमिश्नर रैंक के अधिकारियों को कथित गैंगस्टर संपत्ति की कुर्की के आदेश जारी करने की अनुमति दी गई है. यह अधिकार पहले पुलिस आयुक्तों और जिला मजिस्ट्रेटों को मिला हुआ था.
डेटा से पता चलता है कि सरकार ने अब 33 गैंगस्टर की सूची तैयार की है, जो मौजूदा समय में जेल में हैं. इन सबकी संपत्तियों की जांच की जा रही है.
इनमें से करीब 25 नामों पर गृह विभाग की तरफ से निगरानी की जा रही है, जबकि अन्य आठ की अवैध संपत्तियों पर यूपी पुलिस नज़र रखे हुए है.
एडीजी (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने दिप्रिंट को बताया, ‘1,000 करोड़ रुपये की जिन संपत्तियों को ढहाया गया है उसमें से 500 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति 33 बड़े माफिया खासकर अतीक, मुख्तार और सुंदर भाटी आदि की थी.’
उन्होंने कहा, ‘ये सब हाई-प्रोफाइल माफिया हैं जिन्होंने बहुत सारा अवैध निर्माण कराया था. उनकी अवैध संपत्तियों का पता लगाया जाना अब भी जारी है. सूचना मिलते ही हम कार्रवाई करते हैं.’
गृह विभाग के एक सूत्र ने बताया कि राज्य सरकार की तरफ से गैंगस्टर्स अधिनियम में संशोधन किए जाने के बाद से ज्यादा अवैध निर्माण ढहाए गए हैं.
सूत्र ने बताया कि राज्य में पिछले कुछ महीनों में मुख्तार अंसारी, अतीक अहमद, सुंदर भाटी, अनिल दुजाना और बदन सिंह बद्दो के स्वामित्व वाले कई कथित अवैध निर्माणों को ध्वस्त कर दिया गया है.
सूत्र ने आगे कहा, ‘सरकार के आदेश पर इस संबंध में पूरी निगरानी की जा रही है.’
हाल ही में राज्य सरकार की तरफ से अपनी उपलब्धियों के बाबत जारी एक बुकलेट में दावा किया गया है कि पिछले चार वर्षों में गैंगस्टर एक्ट के तहत 36,990 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है.
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अंसारी और अतीक हिट लिस्ट में सबसे ऊपर
गृह विभाग के आंकड़े बताते हैं कि पूर्व सांसद अतीक अहमद इस सूची में सबसे ऊपर हैं जिनकी 203 करोड़ रुपये की संपत्ति को अब तक ध्वस्त किया जा चुका है. उनके बाद मुख्तार अंसारी और उनके सहयोगियों का नंबर आता है जिनकी 179 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त या ध्वस्त हो चुकी है. अंसारी इस समय पंजाब की जेल में बंद है, जबकि अतीक गुजरात की साबरमती स्थित सेंट्रल जेल में है.
सूची में शामिल अन्य लोगों में सुंदर भाटी की लगभग 56 करोड़ रुपये की संपत्ति सरकार की तरफ से जब्त की जा चुकी है.
उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह सरकार के रुख को काफी सराहते हैं. उन्होंने कहा, ‘गैंगस्टर एक्ट माफिया की संपत्तियों को जब्त करने का अधिकार देता है. इसे एक अजीब-सा दृष्टिकोण माना जा सकता है. लेकिन यह संगठित अपराधों पर नकेल कसने का सबसे अच्छा तरीका है. मैंने हाल में पढ़ा कि माफिया की तमाम संपत्तियां जब्त की जा रही हैं. यह संगठित अपराध पर काबू पाने की सरकार की गंभीर कोशिशों को दर्शाता है.’
हालांकि, हर कोई इसे हाथों-हाथ नहीं ले रहा है.
उत्तर प्रदेश सरकार को पिछले साल उस समय कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा था जब उसने दिसंबर 2019 में कथित तौर पर नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ सड़क पर उतरने वाले 27 प्रदर्शनकारियों पर यूपी गैंगस्टर्स एंड एंटी-सोशल एक्टिविटीज (प्रिवेंशन) एक्ट, 1986 लगाया था.
यह कानून 1986 में लागू किए जाने के बाद से ही विवादों के घेरे में रहा है.
समाजवादी पार्टी के एमएलसी सुनील सिंह साजन ने सरकार पर अपराध से निपटने के लिए इस कानून का इस्तेमाल पक्षपातपूर्ण तरीके से करने का आरोप लगाया है.
उन्होंने कहा, ‘भाजपा की यह सरकार जाति और धर्म के आधार पर कार्रवाई कर रही है. भाजपा उन लोगों को हाथ नहीं लगाएगी जो उसके ही सुर में सुर मिलाते हैं और उन लोगों की संपत्तियां ध्वस्त कर दी जाएंगी जो उसके खिलाफ है. यह पक्षपातपूर्ण रवैया है. हर अपराधी के साथ एक जैसे तरीके से ही निपटा जाना चाहिए.’
(अरुण प्रशांत द्वारा संपादित)
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