नई दिल्ली: राज्यसभा ने बुधवार को वित्त विधेयक 2021-22 को चर्चा के बाद लोकसभा को लौटा दिया और इसी के साथ संसद से आम बजट को मंजूरी मिलने की प्रक्रिया पूरी हो गयी.
लोकसभा ने वित्त विधेयक को मंगलवार को ही मंजूरी दे दी थी.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उच्च सदन में वित्त विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि सीमा शुल्क ढांचे को तर्कसंगत बनाया जायेगा ताकि घरेलू कारोबारियों को, खासतौर से एमएसएमई श्रेणी के उद्यमों को सुविधा मिल सके. उन्होंने कहा कि इसके साथ ही कर आधार को भी व्यापक बनाया जाएगा.
उन्होंने यह भी कहा कि भारत की एक निवेश ग्रेड रेटिंग है और अच्छे निवेश के चलते उन्हें नहीं लगता कि यह घटेगी.
सीतारमण ने कहा कि कर व्यवस्था में कुछ बदलाव किए गए हैं जिनका मकसद कारोबार करने की सुगमता को बढ़ाना है.
उन्होंने कहा कि सीमा शुल्क ढांचे को तर्कसंगत बनाया जायेगा ताकि घरेलू कारोबारियों को, खासतौर से एमएसएमई श्रेणी के उद्यमों को सुविधा मिल सके.
उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए उठाए गए कदमों का ही नतीजा है कि कोरोना संकट के दौरान आर्थिक मोर्चे पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा . उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 80 करोड़ लोगों को आठ माह तक मुफ्त राशन दिया गया. उन्होंने कहा, ‘‘यह बड़ी बात है.’’
वित्त मंत्री ने कहा कि बैंकों की गैर निष्पादित आस्तियां घट कर मार्च 2020 में 8.99 लाख करोड़ रुपये रह गईं.
उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के शासनकाल में अर्थव्यवस्था का समुचित तरीके से प्रबंधन नहीं किया गया था. उन्होंने कहा कि 2014 से 2019 के दौरान सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 7.5 फीसदी थी जो 2009 से 2014 के दौरान 6.7 फीसदी थी.
उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री ने एक फरवरी को लोकसभा में आम बजट 2021-22 पेश किया था.
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