नई दिल्ली : देश में स्पेक्ट्रम की नीलामी सोमवार को शुरू हो गई. कुल 3.92 लाख करोड़ रुपये मूल्य के 2,251.25 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम को नीलामी के लिए रखा गया है.
उद्योग सूत्रों ने बताया कि मोबाइल सेवाओं के लिए सात फ्रीक्वेंसी बैंड…. 700 मेगाहर्ट्ज, 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज, 2100 मेगाहर्ट्ज, 2300 मेगाहर्ट्ज और 2500 मेगाहर्ट्ज में स्पेक्ट्रम की नीलामी अभी जारी है.
हालांकि, स्पेक्ट्रम की मौजूदा दौर की नीलामी में 3300-3600 मेगाहर्ट्ज की फ्रीक्वेंसी शामिल नहीं है. यह स्पेक्ट्रम 5जी सेवाओं के लिए इस्तेमाल होना है. इसके लिए नीलामी बाद में आयोजित की जाएगी.
सफल बोलीदाताओं के पास पूरी बोली की राशि का भुगतान एक बार में करने या एक निश्चित राशि यानी 700 मेगाहर्ट्ज, 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज में जीते गए स्पेक्ट्रम के लिए 25 प्रतिशत का भुगतान शुरू में करने का विकल्प होगा. इसके अलावा बोलीदाताओं को 1800 मेगाहर्ट्ज, 2100 मेगाहर्ट्ज, 2300 मेगाहर्ट्ज और 2500 मेगाहर्ट्ज में हासिल स्पेक्ट्रम के लिए एकबारगी 50 प्रतिशत भुगतान करना होगा. शेष राशि का भुगतान दो साल की रोक के बाद अधिकतम 16 मासिक किस्तों (ईएमआई) में किया जा सकता है.
इस नीलामी में हासिल स्पेक्ट्रम की वैधता 20 साल की होगी. निजी क्षेत्र की दूरसंचार कंपनियों रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए 13,475 करोड़ रुपये की शुरुआती राशि (ईएमडी) जमा कराई है. जियो ने नीलामी के लिए सबसे अधिक 10,000 करोड़ रुपये का ईएमडी जमा कराया है.