वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कार्यभार संभालने के बाद पहली बार चीन के अपने समकक्ष शी जिनपिंग के साथ बातचीत में चीन की अनुचित व्यापार प्रथाओं, हांगकांग में उसकी सख्त कार्रवाई, शिनजियांग में मानवाधिकारों का हनन और क्षेत्र में उसकी मुखरता के बारे में अपनी बुनियादी चिंताओं को व्यक्त किया.
पेंटागन द्वारा चीन पर एक कार्यबल की घोषणा के बीच दोनों नेताओं की फोन पर वार्ता हुई.
बाइडन के 20 जनवरी को अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली फोन वार्ता थी.
बातचीत के दौरान बाइडन ने चंद्र नव वर्ष के अवसर पर चीनी लोगों को अपनी शुभकामनाएं भी दीं.
व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा कि बाइडन ने अमेरिकी लोगों की सुरक्षा, समृद्धि, स्वास्थ्य और जीवन की रक्षा करने की अपनी प्राथमिकता को दोहराया और एक स्वतंत्र तथा खुले हिंद-प्रशांत की वकालत की.
चीन लगभग 13 लाख वर्ग-मील क्षेत्र में फैले दक्षिण चीन सागर को अपना संप्रभु क्षेत्र बताता है और क्षेत्र में कृत्रिम द्वीपों पर सैन्य ठिकानों का निर्माण कर रहा है. इस क्षेत्र पर चीन ब्रुनेई, मलेशिया, फिलीपींस, ताइवान और वियतनाम का भी दावा है.
व्हाइट हाउस ने कहा, ‘राष्ट्रपति बाइडन ने बीजिंग की अनुचित व्यापार प्रथाओं, हांगकांग में तनातनी, शिनजियांग में मानवाधिकारों का हनन और क्षेत्र में उसकी मुखरता के बारे में अपनी बुनियादी चिंताओं को व्यक्त किया.’
बाइडन ने पहले कहा था कि वह व्यापार समझौते को तुरंत रद्द नहीं करेंगे, और न ही चीनी निर्यात पर शुल्क हटाने के लिए कदम उठाएंगे.
बातचीत के दौरान बाइडन और जिनपिंग ने कोविड-19 महामारी का मुकाबला करने और वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और हथियारों के प्रसार को रोकने की साझा चुनौतियों पर विचारों का आदान-प्रदान किया.
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