गाजियाबाद: दिल्ली-उत्तर प्रदेश के बीच स्थित गाजीपुर बॉर्डर सोमवार को एक किले में तब्दील हो गया, जहां हजारों किसान नए केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शन स्थल पर कई स्तरों पर बैरिकेड लगाए गए हैं और सुरक्षा बलों की भारी तैनाती की गई है.
प्रदर्शनकारियों की संख्या बढ़ती जा रही है. भारतीय किसान यूनियन के सदस्य और इसके नेता राकेश टिकैत यूपी गेट पर नवंबर से डटे हुए हैं.
प्रांतीय सशस्त्र बल (पीएसी) और त्वरित कार्य बल (आरएएफ) सहित सैकड़ों सुरक्षा कर्मियों को सतर्क रखा गया है.
स्थिति पर नजर रखने के लिए ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है और वाहनों की जांच की जा रही हैं. उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान से और अधिक किसान प्रदर्शन में शामिल होने के लिए आ रहे हैं.
पैदल जाने वाले लोगों को रोकने के लिए बैरिकेड के अलावा कंटीले तार लगाए गए हैं.
एक आधिकारिक बयान में कहा गया, ‘गाजियाबाद के जिलाधिकारी अजय शंकर पांडे और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने दिल्ली-यूपी सीमा पर जारी किसान आंदोलन के बीच गाजीपुर, सीमापुरी और दिलशाद गार्डन इलाकों का दौरा किया और जमीनी हालात की समीक्षा की.’
बयान में कहा गया कि पांडे और नैथानी ने दिल्ली पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर स्थिति पर चर्चा की और तैयारियों की समीक्षा की.
अधिकारियों ने बताया कि महानिरीक्षक (मेरठ रेंज) प्रवीण कुमार ने गाजियाबाद का दौरा किया, जहां उन्होंने यूपी गेट पर विरोध स्थल और कौशाम्बी पुलिस स्टेशन का दौरा किया.
एक अधिकारी ने कहा, ‘आईजी ने स्थानीय पुलिस और विरोध स्थल पर तैनात पुलिस अधिकारियों को आवश्यक निर्देश जारी किए हैं.’
वाहनों की आवाजाही को रोकने के लिए फ्लाईओवर से सटे मार्गों पर सड़क पर भारी बैरिकेड लगाए गए हैं. कंटीले तार भी लगाए गए हैं.
गौरतलब है कि तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान दो महीने से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं.
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