इंदौर: मध्य प्रदेश मानवाधिकार आयोग ने हाड़ कंपाने वाली ठंड में बेघर और बेसहारा बुजुर्गों को इंदौर की शहरी सीमा से जबरन बाहर छोड़े जाने की बहुचर्चित घटना को लेकर सोमवार को राज्य के मुख्य सचिव और इंदौर के आला अधिकारियों से रिपोर्ट तलब की.
आयोग के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति नरेंद्र कुमार जैन ने बुजुर्गों से अमानवीय बर्ताव के मामले में राज्य के मुख्य सचिव के साथ ही इंदौर संभाग के आयुक्त, इंदौर के जिलाधिकारी और इंदौर नगर निगम के आयुक्त से दो सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है.
इस बीच, प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने बेसहारा बुजुर्गों से बदसलूकी की घटना को लेकर राज्य की भाजपा सरकार को घेरा.
प्रदेश कांग्रेस समिति के मीडिया विभाग के प्रभारी और पार्टी के स्थानीय विधायक जीतू पटवारी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘बेसहारा बुजुर्गों से अमानवीय बर्ताव करने वाले नगर निगम कर्मचारियों पर अपहरण का आपराधिक मामला दर्ज किया जाना चाहिए.’
उन्होंने कहा, ‘बेसहारा बुजुर्गों से अमानवीय बर्ताव की घटना नगर निगम के माथे पर कलंक है, लेकिन नगर निगम इस मामले की जांच के नाम पर लीपापोती कर रहा है.’
पटवारी ने मांग की कि इस घटना की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच के लिए राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को सभी दलों के विधायकों की समिति बनानी चाहिए.
शुक्रवार की कथित घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर पहले ही वायरल हो चुके हैं. इनमें नजर आ रहा है कि नगर निगम के अतिक्रमण निरोधक दस्ते के ट्रक के जरिये बेसहारा बुजुर्गों को नजदीकी क्षिप्रा गांव के पास सड़क किनारे छोड़ा जा रहा है, लेकिन कुछ जागरूक ग्रामीण इस अमानवीय घटना पर एतराज जता रहे हैं और इसे मोबाइल कैमरे में कैद कर रहे हैं. इससे घबराए नगर निगम कर्मचारी बुजुर्गों को दोबारा ट्रक में बैठाते दिखाई दे रहे हैं.
वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि इनमें से कुछ बुजुर्ग अधिक उम्र के चलते अपने बूते चलने-फिरने से भी लाचार थे और वे हताश होकर सड़क किनारे बैठ गए थे जिनमें कुछ दिव्यांग भी शामिल थे.
वायरल वीडियो में बेसहारा लोगों के सामान की पोटलियां सड़क किनारे यहां-वहां बिखरी नजर आ रही थीं.