नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को स्वास्थ्य सेवा और सेहत के क्षेत्र के लिए 137% इजाफा करने की घोषणा की है जिसमें प्राइमरी, सेकंडरी और टरशियरी स्वास्थ सेवा में सुधार की एक पंच वर्षीय योजना शामिल है. वित्त मंत्री ने कोविड-19 वैक्सिन और शहरों की सफाई, वेस्ट मैनेजमेंट वाटर सप्लाई, वायु प्रदुषण और पोषण के लिए अलग मद में धन आवंटित करने की घोषणा की है.
सीतारमण ने कहा, ‘मैंने सन 2021-22 के लिए 35000 करोड़ कोविड-19 वैक्सीन के लिए दिए है…और अगर और फंड की ज़रूरत होगी तो वो भी मुहैया करवाई जायेगी. स्वास्थ्य और वैलबिइंग के लिए 21-22 का बजट 2,23,846 करोड़ होगा जो कि 94,452 करोड़ के बजट एस्टीमेट से 137% ज्यादा है.’
उन्होंने साथ ही कहा कि जहां स्वास्थ्य ढ़ांचे में निवेश काफी बढ़ाया गया है और जैसे-जैसे इसका इस्तेमाल संस्थाएं करती हैं, वैसे-वैसे हम और धन आवंटित करेंगे. हमारा ध्येय बिमारी की रोकथाम, उसके उपचार और अच्छी सेहत मुहैया कराना है.
सीतारमण का कहना था कि आत्मनिर्भर भारत के 6 स्तंभों में एक स्वास्थ्य और सेहत है. न्यूमोकोकल वैक्सीन, जो कि भारत में बनी है फिलहाल पांच राज्यों में है इसे सभी राज्यों में पहुंचाया जायेगा. इससे 50,000 बच्चों को मौत से बचाया जा सकेगा.
पीएम आत्मनिर्भर स्वास्थ्य भारत योजना
सरकार ने एक नई केंद्र द्वारा पोषित पीएम आत्मनिर्भर स्वास्थ्य भारत योजना तैयार की है जो कि स्वास्थ्य व्यवस्था को मज़बूत करेगा. इसके लिए बजट में अगले 6 सालों के लिए 64,180 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है. ये राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अतिरिक्त होगा.
इस योजना के तहत 17000 ग्रामीण और 11000 शहरी हैल्थ और वेलनेस सेंटर की मदद की जायेगी. साथ ही हर ज़िले, 11 राज्यों के 3382 ब्लॉक में एकीकृत सार्वजनिक स्वास्थ्य लैब स्थापित किये जायेंगे, 602 ज़िलों के हॉस्पिटल ब्लॉक और क्रिटिकल केयर युनिट और 12 केंद्रीय संस्थान बनाए जाये. केंद्रीय रोग नियंत्रण केंद्र, उसकी पांच क्षेत्रीय शाखाओं और 20 शहरी हैल्थ सर्वेलेंस युनिट को मजबूत किया जायेगा.
एकीकृत स्वास्थ्य सूचना पोर्टल को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों तक पहुंचाना जिससे सभी पब्लिक हैल्थ लैब को जोड़ना ध्येय है. 17 नए सार्वजनिक स्वास्थ्य युनिट को देश में आने वाली जगहों- 32 एयरपोर्ट, 11 समुद्री बंदरगाहों और 17 जमीन पर सीमा पार जाने के स्थानों पर स्थापित किया जायेगा. साथ ही 15 स्वास्थ्य आपात ऑपरेशन केंद्र, 2 मोबाईल अस्पताल और एक राष्ट्रीय संस्थान- वन हैल्थ स्थापित किया जायेगा. ये एक क्षेत्रीय शोध प्लैटफॉर्म होगा जिसमें डब्ल्यूएचओ का दक्षिण पूर्व एशिया का क्षेत्रीय ऑफिस होगा, 9 बायो सेफ्टी ‘लेवल 3’ के लैब और 4 क्षेत्रीय नेशनल विरोलोजी इंस्टीट्यूट स्थापित किया जायेगा.
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