इंदौर: जबरन धर्मांतरण के खिलाफ मध्यप्रदेश सरकार के नये अध्यादेश के तहत पुलिस ने यहां 25 वर्षीय युवती की शिकायत पर मामला दर्ज करते हुए उसके माता-पिता समेत नौ लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी.
इस मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी से पहले बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने ईसाई समुदाय के एक केंद्र में कई लोगों का धर्म जबरन बदलने की कोशिश का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया था.
भंवरकुआं पुलिस थाने के प्रभारी संतोष कुमार दूधी के मुताबिक शालिनी कौशल (25) ने शिकायत दर्ज कराई है कि उनकी मां रानी कौशल और पिता राकेश कौशल मंगलवार सुबह नानी के घर ले जाने का कथित झांसा देकर उन्हें ईसाई समुदाय के ‘सत्प्रकाशन संचार केंद्र’ में चल रही प्रार्थना सभा में ले गए. यह केंद्र भंवरकुआं पुलिस थाने के ठीक पीछे स्थित है.
इंदौर के पास स्थित गुजरखेड़ा गांव से ताल्लुक रखने वाली युवती के हवाले से प्राथमिकी में कहा गया, ‘वहां (सत्प्रकाशन संचार केंद्र) कुछ लड़कियां थीं जो मेरे हाथ-पैर खींचकर मेरे साथ मारपीट कर रही थीं. मुझे वहां एक हॉल में जबरन बैठाकर रखा गया था. बहुत सारे लोग मंच पर प्रभु यीशु के गाने बजा रहे थे. वे मुझे इन गानों पर नाचने के लिए बोल रहे थे.’
युवती के हवाले से प्राथमिकी में यह भी लिखा गया, ‘मैं हिंदू धर्म में जन्मी हूं और इसी धर्म का पालन करती हूं. प्रभु यीशु में मेरी कोई आस्था नहीं है, न ही मैं ईसाई धर्म अपनाना चाहती हूं. लेकिन मेरी मम्मी और वहां (प्रार्थना सभा) ईसाई धर्म के आयोजकों द्वारा मेरा जबरन धर्मांतरण कराया जा रहा था.’
थाना प्रभारी के मुताबिक युवती की शिकायत पर उसके माता-पिता और गणतंत्र दिवस पर आयोजित विवादास्पद प्रार्थना सभा में मौजूद नौ अन्य लोगों के खिलाफ ‘मध्यप्रदेश धर्म स्वातंत्र्य अध्यादेश 2020’ के संबद्ध प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है. उन्होंने बताया, ‘शिकायतकर्ता युवती के माता-पिता समेत नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है. शेष दो आरोपियों की तलाश जारी है.’
उधर, सत्प्रकाशन संचार केंद्र के निदेशक फादर बाबू जोसफ के मुताबिक ईसाई समुदाय के एक समूह को मंगलवार को बैठक और प्रार्थना सभा के लिए इस केंद्र का हॉल दिया गया था.
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