वाशिंगटन: अमेरिका में चार भारतीय-अमेरिकी सांसदों डॉ. एमी बेरा, प्रमिला जयपाल, रो खन्ना और राजा कृष्णमूर्ति ने कैपिटोल परिसर में निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों के हंगामे पर नाराजगी जतायी है. हजारों ट्रंप समर्थकों के कैपिटोल परिसर में घुसने के कारण सांसदों को सुरक्षित स्थान पर शरण लेनी पड़ी थी.
संसद में बुधवार को इलेक्टोरल कॉलेज वोट की गिनती के दौरान प्रदर्शनकारी सुरक्षा घेरा तोड़कर कैपिटोल परिसर में घुस आए जिसके बाद सांसदों को परिसर से बाहर निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया. इलेक्टोरल कॉलेज वोट की गिनती के बाद नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन के जीत की पुष्टि होनी थी.
सांसद खन्ना ने ट्वीट किया, ‘कैनन (भवन) में शरण ली है.’
कैनन कैपिटल परिसर में एक भवन है जहां प्रतिनिधि सभा के सदस्यों के अधिकारी रहते हैं.
खन्ना ने कहा, ‘ट्रंप को उन अदालतों ने खारिज किया जहां उनकी पार्टी के लोग नियुक्त थे. उन्हें उन राज्यों की जनता ने खारिज किया जहां वह पहले सत्ता में थे और अब सीनेट में उनकी ही पार्टी के सांसदों और उपराष्ट्रपति ने उन्हें खारिज किया है. लोकतंत्र अमेरिकावासियों के लिए अब भी पवित्र है. यही भावना आज की हिंसा पर जीत हासिल करेगी. घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं.’
सांसद जयपाल ने कहा कि वह सुरक्षित हैं.
प्रतिनिधि सभा के लिए पांच बार चुनी जा चुकीं जयपाल ने कहा, ‘सदन के ऊपरी मंजिल पर बने गलियारे में मैं कई प्रतिनिधियों के साथ थी. हमने गैस मास्क निकाला और नीचे उतरे. कैपिटोल परिसर पुलिस ने दरवाजे बंद कर दिए. हमें जल्द से जल्द बाहर निकलना पड़ा.’
उन्होंने ट्वीट किया, ‘मैं डोनाल्ड ट्रंप और उन रिपब्लिकन सांसदों की आलोचना करती हूं जिन्होंने इस हंगामे को भड़काया. हमारे देश और हमारे लोकतंत्र को इनसे उबरना होगा और यह आसान नहीं है. आपकी दुआओं और हमारी रक्षा की कामना करने के लिए आप सभी का शुक्रिया.’
सांसद बेरा ने भी ट्वीट कर बताया कि वह सुरक्षित हैं.
उन्होंने कहा, ‘कैपिटल परिसर में हंगामा खतरनाक और निंदनीय है.’
सांसद कृष्णमूर्ति को भी प्रदर्शनकारियों के हंगामे के दौरान शरण लेनी पड़ी थी.
उन्होंने कहा, ‘वह जंग के हालात में हैं.’ भारतवंशी सांसद ने इस हंगामे के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भड़काऊ भाषण को जिम्मेदार बताया.
उन्होंने कहा, ‘हमारा देश इससे बेहतर है. हमारा लोकतंत्र इससे मजबूत है और हम लोग आगे बढ़ेंगे. लेकिन आज का दिन हमारे देश के इतिहास का ‘काला दिन’ है.’
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