पटना: बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने शुक्रवार को दावा किया कि नीतीश कुमार जिस सरकार की अगुवाई कर रहे हैं, उसमें उनकी नहीं चलती और संख्यात्मक रूप से मजबूत सहयोगी भाजपा का उस पर नियंत्रण है.
राजद की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हाल में हुए अधिकारियों के तबादलों को लेकर पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रही थीं. अधिकारियों के फेरबदल में कुछ ऐसे अधिकारियों को महत्वपूर्ण पदों से हटा दिया गया है जिन्हें मुख्यमंत्री का करीबी माना जाता है.
राबड़ी देवी ने जद(यू) नेता पर निशाना साधते हुए कहा, ‘नीतीश कुमार का आदेश अब उनकी अपनी सरकार में नहीं चलता है. उन्हें दोबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से पहले सावधानीपूर्वक सोचना चाहिए था.’
विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार की पार्टी तीसरे स्थान पर रही थी. 243 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनाव में भाजपा को 74 सीटें मिली थीं जबकि जद(यू) को केवल 43 सीटें ही मिल सकीं. राजद को सबसे ज्यादा 75 सीटें मिलीं.
राजद नेता ने दावा किया कि उन सभी लोगों को आने वाले दिनों में दरकिनार किए जाने का अनुमान है जो नीतीश कुमार के प्रति निष्ठावान रहे हैं.
बड़ी संख्या में राजद समर्थक राबड़ी देवी को उनके 65वें जन्मदिन पर शुभकामनाएं देने के लिए शुक्रवार को उनके 10, सर्कुलर रोड स्थित आवास पर एकत्र हुए.
जद(यू)-भाजपा गठबंधन द्वारा उनके पुत्र तथा जाहिरा तौर पर उत्तराधिकारी तेजस्वी यादव पर निशाना साधे जाने तथा उनमें बिहार से ‘दूर भागने’ की प्रवृत्ति होने का आरोप लगाए जाने के बारे में पूछे जाने पर राबड़ी देवी ने कहा, ‘लोग कुछ स्थानों पर जाते हैं क्योंकि उनका वहां कुछ व्यवसाय है. क्या भाजपा और जद(यू) के नेता तिजोरियों में बंद होकर जीवन बिताते हैं?’
उन्होंने जोर दिया कि ‘सिर्फ मेरी पार्टी या मेरे परिवार के सदस्यों को ही मेरे बेटे से उसकी निजी जिंदगी के बारे में सवाल पूछने का अधिकार है.’
उन्होंने अपने पति और राजद प्रमुख लालू प्रसाद की बिगड़ती सेहत पर भी चिंता जताई. एक वरिष्ठ मेडिकल अधिकारी को आवंटित बंगले में लालू प्रसाद के लंबे समय तक रहने का मुद्दा राजग द्वारा उठाए जाने पर अप्रसन्नता जतायी. लालू प्रसाद चारा घोटाले में अपनी सजा काट रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘यह सरकार (झारखंड) का फैसला था कि उन्हें एक बंगले में रखा जाए. काफी हो-हल्ले के बाद, उन्हें वापस अस्पताल में भेज दिया गया है. जिन्हें शिकायत है, उनको हमें निशाना बनाने के बदले सरकार से सवाल करना चाहिए.’
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