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Thursday, 21 November, 2024
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यूएपीए के तहत गिरफ्तार युवा पीडीपी नेता वहीद पारा जम्मू-कश्मीर डीडीसी चुनाव में पुलवामा से जीते

वहीद पारा ने ताहाब (पुलवामा) में भाजपा के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 1,000 से अधिक मतों से हराया. पार्टी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने उनकी जीत पर बधाई दी है.

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श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में पहली बार हुए जिला विकास परिषद (डीडीसी) के चुनाव में दक्षिण कश्मीर के पुलवामा स्थित ताहाब क्षेत्र से पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता वहीद पारा ने जीत हासिल की है, जिन्हें अपना नामांकन दाखिल करने के कुछ दिनों बाद ही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा हिरासत में ले लिया गया था.

पीडीपी अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद पार्टी की युवा इकाई के अध्यक्ष पारा को बधाई देने के लिए ट्विटर का सहारा लिया.

मुफ्ती ने ट्वीट किया, ‘PDPs @parawahid का अपने पहले चुनाव में ही मतों के भारी अंतर से जीतना कोई कम गर्व की बात नहीं है. नामांकन दाखिल करने के ठीक बाद आधारहीन आरोपों में गिरफ्तार होने के बावजूद लोगों ने वहीद के प्रति अपना प्यार और विश्वास दिखाया है. उम्मीद है कि न्याय मिलेगा.’

पारा को महबूबा मुफ्ती का करीबी सहयोगी और सलाहकार माना जाता है, और इसके अलावा पूर्व में वह पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार में स्पोर्ट्स काउंसिल के सचिव के रूप में कार्य कर चुके हैं.

उन्हें जम्मू-कश्मीर के पुलिस अधिकारी दविंदर सिंह, जो आतंकवादियों से कथित संबंधों को लेकर संदेह के घेरे में हैं, से जुड़े एक मामले में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार किया गया था. डीएसपी दविंदर को इस साल की शुरुआत में हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर नवीद बाबू को एक निजी वाहन में कश्मीर से जम्मू ले जाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.

‘लोकतंत्र का चैंपियन’

पारा का परिवार उन्हें ‘लोकतंत्र का चैंपियन’ करार देते हुए डीडीसी चुनाव नतीजों को इसका सबूत बताता है.

32 वर्षीय नेता ने पुलवामा के निर्वाचन क्षेत्र में 1,323 मत प्राप्त किए. उन्होंने भाजपा के सज्जाद रैना को हराया, जिन्हें कुल 321 मत मिले. अपनी पार्टी के गुलाम हसन मीर 125 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे.

उनके चचेरे भाई मेहराज पारा ने कहा, ‘वह लोकतंत्र के चैंपियन रहे हैं. उनका जीतना ही इसका सबसे बड़ा सबूत है. हमने प्रचार अभियान में वास्तव में कड़ी मेहनत की है… वास्तव में पूरा परिवार वहीद के लिए वोट मांगने के लिए लोगों के पास गया. लोगों ने इस पर जवाब भी दिया. अब हम सब यही चाहते हैं कि उन्हें रिहा कर दिया जाए.’

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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