पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को कहा कि राज्य में मंत्रिमंडल का विस्तार भाजपा के साथ विचार विमर्श करने के बाद होगा और फिलहाल ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं आया है.
पटना एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचती के दौरान कहा,’ मुझे अभी तक बीजेपी की तरफ से कैबिनेट एक्सपेंशन का कोई प्रपोजल नहीं मिला है. जैसे ही आता है कैबिनेट के विस्तार पर काम किया जाएगा.’
मंत्रिमंडल विस्तार के लिए जनता दल (यूनाइटेड) और भाजपा के बीच गतिरोध के बारे में कयासों को लेकर पूछे गए सवाल पर कुमार ने यह टिप्पणी की. मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री समेत 14 सदस्य हैं. नियम के मुताबिक 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा के लिए मुख्यमंत्री समेत अधिकतम 36 मंत्री हो सकते हैं .
कुमार ने संवाददाताओं से कहा, ‘फिलहाल हम अगले पांच साल के लिए अपने खाके पर आगे बढ़ रहे हैं. इसके लिए मंत्रिमंडल की बैठक होने वाली है. जब भाजपा मंत्रिमंडल विस्तार का प्रस्ताव देगी तब हम इस पर विचार करेंगे. अभी कोई प्रस्ताव नहीं मिला है.’
राज्य में भाजपा के सात मंत्री हैं और जदयू के मुख्यमंत्री समेत चार मंत्री हैं. चर्चा है कि जद(यू) इस बात पर जोर दे रहा है जितने मंत्री भाजपा से हैं, उतने ही उनकी पार्टी से भी होने चाहिए.
इस बीच बीजेपी कैबिनेट एक्सपेंशन को लेकर बहुत उत्साहित नजर नहीं आ रही है. बस कह रही है यह जल्द ही किया जाएगा.
दिप्रिंट से हुई बातचीत में बीजेपी के प्रवक्ता प्रेम रंजन ने कहा, ‘भाजपा के राष्ट्रीय जेनरल सेक्रेटरी भूपेंदर यादव हैदराबाद नगर निगम के चुनाव में व्यस्त थे. अब वो फ्री है जल्द ही इस विषय पर भी बात होगी और निर्णय लिया जाएगा.’
बीजेपी सूत्रों का हालांकि कहना है कि कैबिनेट के विस्तार में देरी की वजह नीतीश कुमार ही हैं क्योंकि वह अभी भी बड़े भाई के किरदार में नजर आ रहे हैं तब जब भाजपा उनसे पोर्टफोलियो में 50:50 की बात कर रही है.
इस बीच, सीएम की टिप्पणी ने विपक्षी राजद ने उपहास उड़ाया है.
भाजपा के दो मंत्री तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी को उपमुख्यमंत्री बनाया गया था. जदयू कोटे से बने मंत्री मेवा लाल चौधरी को शपथ लेने के कुछ घंटे के भीतर ही इस्तीफा देना पड़ा था.
राज्य में विधानसभा चुनाव में भाजपा को 74 सीटें मिली थी जबकि जद(यू) को केवल 43 सीटों पर सफलता मिली थी.
बिहार मंत्रिमंडल ने मुफ्त कोविड-19 टीकाकरण को दी मंजूरी दी
कोविड-19 का टीका उपलब्ध हो जाने के बाद बिहार में सभी लोगों को इसे मुफ्त दिया जाएगा. राज्य मंत्रिमंडल ने मंगलवार को यह निर्णय लिया.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की पहली बैठक में यह फैसला किया. पिछले महीने मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा किया गया था.
मंत्रिमंडल ने ‘सात निश्चय पार्ट -2’ के क्रियान्वयन को भी मंजूरी दी. यह मुख्यमंत्री के सात निश्चयों का दूसरा हिस्सा है जो शासन पर उनके ब्लूप्रिंट की छाप है. पिछले कार्यकाल में पूरे हुए कार्यों के बाद अब यह अगली कड़ी है.
मुफ्त कोरोना टीका सात निश्चय के कई अहम अवयवों में एक ‘‘सबके लिए स्वास्थ्य सुविधा’’ के तहत होगा.
उल्लेखनीय है कि हाल के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने भी अपने घोषणापत्र में मुफ्त कोरोना वायरस टीके का वादा किया था.
भाजपा राज्य में सत्तारूढ़ राजग का घटक है. आज की मंत्रिमंडल बैठक में अन्य निर्णय भी लिये गये.
(दीपक मिश्रा के इनपुट्स के साथ)