नई दिल्ली: अरबपति उद्योगपति मुकेश अंबानी ने अगले साल यानी 2021 की दूसरी छमाही में 5जी सेवाएं शुरू करने का संकेत दिया है.
अंबानी ने मंगलवार को इंडिया मोबाइल कांग्रेस-2020 को संबोधित करते हुए कहा कि अत्यंत तेज गति की 5जी सेवाओं को तेजी से शुरू करने के लिए नीतिगत कदमों की जरूरत है. उन्होंने कहा कि नीतिगत कदमों से ही हम उचित दाम पर सभी को 5जी सेवाएं उपलब्ध करा पाएंगे.
सम्मेलन का आयोजन मोबाइल सेवा प्रदाताओं के मंच (सीओएआई) ने दूरसंचार विभाग के साथ मिल कर किया है.
अंबानी ने भारत को हार्डवेयर विनिर्माण केंद्र के रूप में भी विकसित करने की वकालत की. उन्होंने कहा कि इतने महत्वपूर्ण क्षेत्र में देश सिर्फ आयात पर निर्भर नहीं रह सकता. अंबानी का दूरसंचार उपक्रम जियो चार साल में पहले स्थान पर पहुंच गया है. जियो द्वारा वॉयस कॉलिंग मुफ्त दी जा रही हैं, साथ ही उसकी डेटा की दरें भी काफी कम है.
5जी पांचवीं पीढ़ी का मोबाइल नेटवर्क है, जो वर्चुअल तरीके से सभी को और सभी चीजों मसलन मशीनों, सामान और उपकरणों को जोड़ेगा.
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन ने कहा कि आज दुनिया में भारत सबसे बेहतर तरीके से ‘डिजिटल से जुड़ा’ देश है.
उन्होंने कहा कि इसके अलावा देश में 5जी नेटवर्क को तेजी से लगाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि उनकी कंपनी जियो देश में 5जी क्रांति की अगुवाई करेगी. उन्होंने कहा, ‘मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि जियो 2021 की दूसरी छमाही में देश में 5जी क्रांति की अगुवाई करेगी.’
उन्होंने कहा कि जियो का 5जी देश में विकसित नेटवर्क, हार्डवेयर और प्रौद्योगिकी उपकरणों पर टिका होगा. ‘जियो की 5जी सेवाएं आपके प्रेरित करने वाले आत्मनिर्भर भारत के दृष्टकोण के अनुरूप होंगी.’
अंबानी ने कहा कि देश में आज भी 30 करोड़ ग्राहक 2जी में ‘फंसे’ है और उन्हें स्मार्टफोन में लाने के लिए नीतिगत हस्तक्षेप की जरूरत है. स्मार्टफोन के जरिये ये ग्राहक भी डिजिटल लेनदेन में सक्षम हो सकेंगे.
उन्होंने कहा, ‘मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि 5जी से भारत न केवल चौथी औद्योगिक क्रांति का हिस्सा बनेगा, बल्कि वह इसकी अगुवाई भी करेगा.’ अंबानी ने कहा कि भारत को सेमीकंडक्टर के विनिर्माण केंद्र के रूप में भी विकसित किया जा सकता है.
अंबानी ने कहा, ‘हम बड़े आयात पर निर्भर नहीं रह सकते.’
उन्होंने कहा कि दुनिया की कई बड़ी कंपनियां भारत में विनिर्माण सुविधाएं लगा रही हैं. भारत ने चिप डिजाइन में विश्वस्तरीय क्षमता हासिल की है.
उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि भारत अत्याधुनिक सेमीकंडक्टर उद्योग का प्रमुख केंद्र बन सकता है. जब सभी अंशधारक मिलकर काम करेंगे तो भारत हार्डवेयर में भी सॉफ्टवेयर जैसी सफलता सुनिश्चित कर सकेगा.’
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