बैंकाक : थाईलैंड में लोकतंत्र समर्थकों ने गिरफ्तारी वारंट जारी होने और हिंसक हमलों के खतरे के बावजूद एक और रैली निकाली तथा सैन्य तख्तापलट की आशंका भी जताई.
इससे पहले बुधवार को हुई रैली में दो व्यक्तियों को कथित तौर पर गोली मारी गई थी जिसमें वे बहुत बुरी तरह घायल हो गए थे.
प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री प्रयुत चान ओचा के पद से हटने और इस सरकार के शासन को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं. इसके अलावा वे संविधान में संशोधन कर इसे और लोकतांत्रिक बनाने और राजशाही में सुधार करने के साथ-साथ उसे और जवाबदेह बनाने की भी मांग कर रहे हैं.
इसमें राजवंश से जुड़ा मुद्दा सबसे विवादित है क्योंकि शाही संस्थान की ओर उंगली उठाना कानूनन गलत माना जाता है। वैसे भी सेना घोषणा कर चुकी है कि राजवंश की रक्षा उसके लिए सर्वोपरि है.
पिछले हफ्ते थाईलैंड के अधिकारियों ने प्रदर्शनकारी नेताओं में से 12 पर राजवंश की मानहानि करने से संबंधित एक कड़े काननू का उल्लंघन करने का मामला दर्ज किया.
दूसरी ओर प्रदर्शनकारियों की तख्तापलट की आशंका भी निराधार नहीं है। इससे पहले 1977, 1991, 2006 और 2014 में यहां तख्तापलट हो चुके हैं.
यदि सरकार को लगता है कि वह प्रदर्शनों पर नियंत्रण नहीं कर पा रही है तो वह मार्शल लॉ लागू कर सकती है या फिर सेना सरकार का तख्तापलट कर सकती है.
शुक्रवार को एक रैली में कुछ वक्ताओं ने लोगों से अपील की कि वे किसी भी तख्तापलट का विरोध करने के लिए तैयार रहें.