लखनऊ: यूपी में हुए उपचुनाव की सात सीटों में बीजेपी ने 6 पर जीत हासिल कर ली. वहीं, समाजवादी पार्टी ने एक सीट जीती. इन चुनाव परिणाम ने भी साबित कर दिया की जनता में फिलहाल योगी सरकार पर भरोसा बरकरार है. हाथरस कांड व कानून व्यवस्था मुद्दे पर जो एंटी-इंकंबेसी की उम्मीद विपक्ष को थी वो धराशायी होती दिख रही है.
पिछले 3 नवंबर को अमरोहा की नौगावां सादात, बुलंदशहर की बुलंदशहर सदर, फ़िरोज़ाबाद की टूंडला, उन्नाव की बांगरमऊ, कानपुर की घाटमपुर, देवरिया की देवरिया सदर और जौनपुर की मल्हनी सीट पर उपचुनाव हुए थे. बीजेपी ने नौगावां सादात, बुलंदशहर सदर, टूंडला, बांगरमऊ, घाटमपुर व देवरिया सदर सीट जीती हैं. वहीं समाजवादी पार्टी ने मल्हनी सीट पर जीत हासिल की है. जीत की घोषणा कर दी गई है.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा, ‘मैं प्रदेश के अपनी पूरी टीम का अभिनंदन करता हूं. दोनों डिप्टी सीएम, सभी मंत्री, प्रदेश के अध्यक्ष व संगठन के पदाधिकारियों ने खूब मेहनत की है. ये जीत बता रही है कि जनता का हम पर पूरा विश्वास बरकरार है. ये मोदी जी की गरीब कल्याणकारी व राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर जो नीति है वे काम आई है. ‘
वहीं, दिप्रिंट से बातचीत में बीजेपी के प्रवक्ता डॉ. चंद्रमोहन ने कहा, ‘इन नतीजों ने साबित कर दिया कि बीजेपी का कोई विकल्प नहीं है. ये जीत गरीबों के कल्याणकारी नीतिओं की जीत है, ये विकास पर मोहर है. जातिवादी राजनीति पर ये बड़ा प्रहार है. विपक्षी दल केवल सोशल मीडिया पर ही सीमित रह गया है.’
योगी ने हर सीट पर की थी रैली
बता दें कि योगी ने उपचुनाव में हर सीट पर रैली की थी. वहीं अखिलेश, मायावती व प्रियंका गांधी ने एक भी रैली नहीं की थी. वे घर से चुनाव कैंपेन मॉनिटर करते रहे. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय लल्लू ने दिप्रिंट से बातचीत में कहा कि इन चुनाव में हमारा वोट प्रतिशत बढ़ा है फिर भी ये नतीजे हमारे लिए सबक हैं. हम अपनी रणनीतियों में परिवर्तन करेंगे और आगे बेहतर करने का प्रयास करेंगे.
विपक्ष को थी काफी उम्मीदें
यूपी के विपक्षी दल खासतौर से समाजवादी पार्टी और कांग्रेस को इन उपचुनाव से काफी उम्मीदें थी. कांग्रेस बांगरमऊ और घाटमपुर सीट से उम्मीद लगाए बैठी थी, तो सपा को मल्हनी, देवरिया और घाटमपुर से काफी उम्मीदें थी. जिन पर पानी फिर गया. बता दें कि बांगरमऊ सीट कुलदीप सिंह सेंगर के रेप व मर्डर के मामले में दोषी साबित होने के बाद खाली हुई थी. इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले की उम्मीद है. वहीं देवरिया सीट पर चारों प्रमुख दल (बीजेपी, कांग्रेस,सपा व बसपा) ने ब्राह्मण कैंडिडेट को टिकट दिया है.
बता दें कि 7 उपचुनाव की सीटों के उपचुनाव में कुल 88 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक यूपी उपचुनाव में कुल 53.62 फीसद मतदान हुआ था, सबसे अधिक 61.50 फीसद मतदान अमरोहा की नौगावां सादात सीट में हुआ. यह सीट पूर्व क्रिकेटर व कैबिनेट मंत्री चेतन चौहान के निधन के बाद खाली हुई थी. वहीं सबसे कम 49.42 प्रतिशत मतदान कानपुर की घाटमपुर सीट पर हुआ है. बता दें कि यह सीट मंत्री कमल रानी वरुण के निधन के कारण खाली हुई थी.