नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को केंद्र को निर्देश दिया कि वह सुनिश्चित करे कि कोई भी लोकसेवक सेवानिवृत्ति के बाद लंबे समय तक सरकारी आवास में न रह पाए.
मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ ने आवास मंत्रालय से यह भी कहा कि वह उम्मीद करती है कि सरकार अवैध रूप से कब्जाए गए आवासों को खाली कराएगी और ऐसे लोगों से अवैध कब्जे की अवधि का भुगतान वसूल करेगी.
आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने अपने अभिवेदन में कहा कि आज की तारीख तक वह सेवानिवृत्त लोकसेवकों द्वारा कब्जाए गए सभी 565 सरकारी आवासों को खाली करा चुका है और अवैध कब्जाधारियों से तीन करोड़ रुपये से अधिक की राशि वसूल कर चुका है.
इसने पीठ से यह भी कहा कि अभी अन्य अवैध कब्जाधारियों से नौ करोड़ रुपये से अधिक की राशि वसूल की जानी है और ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी करने जैसी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
उच्च न्यायालय ने सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों के मद्देनजर उन दोनों जनहित याचिकाओं का निपटारा कर दिया, जिनमें सेवानिवृत्ति के बाद सरकारी आवासों पर कब्जा जमाए बैठे लोगों से जुड़ा मुद्दा उठाया गया था.