नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा तेजस्वी सूर्या को पार्टी की युवा शाखा का अध्यक्ष नामित किए जाने के एक दिन बाद, इस सांसद ने कहा कि यह सिर्फ भाजपा में ही संभव है कि युवा प्रतिभा को प्रोत्साहन दिया जाए न कि उन्हें ‘स्थायी रूप से प्रतीक्षा सूची’ में डाले रखा जाए.
सूर्या ने नई दिल्ली में मीडिया से चर्चा के दौरान कांग्रेस, जिसने जुलाई में युवा नेता सचिन पायलट की खुली बगावत का सामना किया था, पर परोक्ष हमला करते हुए संवाददाताओं से कहा, ‘अन्य राजनीतिक दल युवाओं के बारे में सिर्फ बातें ही करते हैं लेकिन उन्हें नेतृत्व वाली भूमिका में लाने के बजाय प्रतीक्षा सूची में बनाए रखते हैं ताकि वे राजनीतिक दलों के नेतृत्व को चुनौती न दे पाएं.’
पहली बार सांसद बने 29 वर्षीय सूर्या 2019 में लोकसभा चुनाव लड़ने से पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़े रहे थे.
उन्होंने कहा, ‘आजकल का दर्शनशास्त्र कहता है कि आज के युवा कल के नेता हैं….इसी बात को दोहराते हुए राजनीतिक दल युवा नेताओं को लगातार प्रतीक्षा सूची में बनाए रख सकते हैं और कभी भी उन्हें मुख्यधारा के राजनीतिक नेतृत्व में नहीं लाना चाहेंगे.’
बेंगलुरू दक्षिण के सांसद ने कहा, ‘हालांकि, नरेंद्र मोदी के देश का प्रधानमंत्री बनने के बाद स्थितियां बदल गई हैं क्योंकि वह ये नहीं मानते कि आज के युवा कल के नेता हैं. उनका मानना है कि आज के युवा आज के नेता हैं. इसलिए, भाजपा अपने युवा नेताओं को निरंतर प्रतीक्षा सूची में नहीं बनाए रखती, यह अपने युवा नेताओं को आज का नेता बनने के अवसर देती है.’
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‘ज्यादा से ज्यादा जमीनी नेता तैयार करने का प्रयास करेंगे’
सूर्या, जो अब भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के प्रमुख हैं, ने कहा कि वह आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर युवाओं के साथ बातचीत के लिए सोमवार को बिहार जा रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘मेरे जैसे युवा कार्यकर्ता को दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र और सबसे युवा देश में दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी की राष्ट्रीय युवा शाखा की जिम्मेदारी दी गई है. यह केवल भाजपा में ही संभव है.’
सूर्या ने इस पद के लिए उनके नाम पर विचार करने के लिए पार्टी नेतृत्व का आभार जताया और कहा कि युवा मोर्चा देशभर में ज्यादा से ज्यादा जमीनी नेता तैयार करने का प्रयास करेगा.
उन्होंने कहा, ‘भाजयुमो की ओर से हम देशभर में ज्यादा से ज्यादा जमीनी नेता तैयार करने और उन्हें आगे बढ़ाने का प्रयास करेंगे. भाजयुमो देश के सभी युवाओं के लिए एक मंच बना रहेगा. देश के सबसे कमजोर तबके से सबसे मजबूत नेता आएंगे. यह भाजयुमो ही है जो आपका मंच बनेगा.’
युवाओं के लिए सबसे बड़ा चिंता का विषय बनी बेरोजगारी के मुद्दे के बारे में पूछे जाने पर सूर्या ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में रिकॉर्ड संख्या में रोजगार सृजन हुआ है, जो आजादी के बाद से अब तक सबसे अधिक है.
उन्होंने कहा, ‘बेरोजगारी पर बोलने के लिए राजकुमारों को कोई नैतिक अधिकार नहीं है. उन्होंने हमेशा अपना जीवन राजवंशियों और राजकुमारों की तरह जिया है. मोदी के प्रधानमंत्री बने रहने तक वे बेरोजगार ही रहेंगे.’
बेंगलुरू में एनआईए की शाखा खुलेगी
अमित शाह के साथ अपनी बैठक के दो दिन बाद सूर्या ने यह भी कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री ने उन्हें जल्द ही बेंगलुरू में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) का एक स्थायी स्टेशन हाउस स्थापित करने का आश्वासन दिया है.
उन्होंने कहा कि शाह यह त्वरित कार्रवाई बेंगलुरू के साथ-साथ पूरे कर्नाटक में पिछले कुछ वर्षों में आतंकवादी गतिविधियों में हुई वृद्धि के कारण कर रहे हैं.
शाह के साथ अपनी बैठक में सूर्या ने हैदराबाद और कोच्चि स्थित मौजूदा शाखाओं की तर्ज पर बेंगलुरू में भी एनआईए का ब्रांच ऑफिस स्थापित करने की जरूरत पर बल दिया.
सूर्या ने कहा, ‘यह गंभीर चिंता का विषय है कि अगस्त में डीजे हल्ली और केजी हल्ली भीड़ हिंसा मामलों की एनआईए जांच में ऐसे संकेत मिले थे कि कई आतंकवादी संगठन भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए बेंगलुरू का इस्तेमाल अपने इनक्यूबेशन सेंटर के तौर पर कर रहे हैं.’
उन्होंने आगे कहा, ‘इस मामले को देखते हुए जांच एजेंसी एनआईए को आतंकवाद से जुड़ी गतिविधियों की जांच के लिए पर्याप्त बुनियादी ढांचे और कर्मियों के साथ जांच करने की ताकत प्रदान करना बेहद आवश्यक है.’
सूर्या ने कहा कि ऐसी रिपोर्टें भी सामने आई हैं कि एनआईए के पास जांच करने के लिए पर्याप्त बुनियादी ढांचा और मानव संसाधन नहीं है. उन्होंने कहा, ‘एनआईए मौजूदा समय में नाममात्र के कर्मचारियों के साथ काम कर रही है और वह भी हैदराबाद में हैं, बेंगलुरू में केवल एक कैंप ऑफिस है.’
उन्होंने कहा, ‘बेंगलुरू को आतंकी गतिविधियों से मुक्त रखना जरूरी है और एक बेहतर बुनियादी ढांचे और पर्याप्त कर्मचारियों वाला एनआईए कार्यालय ऐसी गतिविधियों पर लगाम कसने में मददगार साबित होगा. बेंगलुरू के दक्षिण भारत का एक अहम वित्तीय केंद्र होने के नाते इस शहर को सभी आतंकवादी और भारत विरोधी संगठनों और उनकी गतिविधियों से महफूज रखना बेहद महत्वपूर्ण है.’
उन्होंने कहा, ‘मार्च 2020 में एनआईए जांच से पता चला कि बेंगलुरू में चार कथित आतंकियों ने आईएसआईएस के सदस्य ख्वाजा मोहिद्दीन को भारत के खिलाफ जिहाद के इरादे से दक्षिण भारत के जंगलों में ठिकाना बनाने के लिए हथियार व अन्य सामग्री खरीदने में मदद की थी. मैंने इसी मामले को देखते हुए एनआईए का क्षेत्रीय शाखा कार्यालय खोलने का अनुरोध किया है.’
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