गांधीनगर: नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने कहा है कि गुजरात में 2006-2017 के बीच वनक्षेत्र में तो वृद्धि हुई लेकिन हरित क्षेत्र घट गया.
शुक्रवार को विधानसभा में पेश की गयी कैग की रिपोर्ट में समझाया है कि हरित क्षेत्र रिकार्ड में दर्ज वनक्षेत्र के बाहर के पेड़पौधे वाले क्षेत्र होते हैं.
कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 2006 में राज्य में हरित क्षेत्र 8390 वर्ग किलोमीटर था जो 2017 में घटकर 6910 वर्ग किलोमीटर रह गया.
उसने कहा है कि देश में वनक्षेत्र कुल क्षेत्रफल का 21.67 फीसद है जबकि गुजरात में यह 7.57 फीसद ही है.
वर्ष 1988 की राष्ट्रीय वन नीति के अनुसार देश के कुल क्षेत्र के एक तिहाई वन या हरित क्षेत्र होना चाहिए.
कैग ने कहा कि गुजरात के 1,96,000 वर्ग किलेामीटर क्षेत्र में 2006 में 14,620 वर्ग किलोमीटर वनक्षेत्र था जो 2017 में बढ़कर 14,860 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र हो गया.
कैग के अनुसार उसी दौरान हरित क्षेत्र 2006 के 8,390 वर्ग किलोमीटर से घटकर 2017 में 6910 वर्ग किलोमीटर रह गया.
कैग के मुताबिक राष्ट्रीय स्तर पर वन क्षेत्र 690.90 हजार वर्ग किलोमीटर से बढ़कर 712.25 हजार वर्ग किलोमीटर हो गया और हरित क्षेत्र 92.77 हजार वर्ग किलोमीटर से बढ़कर 95.03 हजार वर्ग किलोमीटर हो गया.
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