नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने पानी के प्राइवेटाइज़ेशन की आशंका को ख़ारिज करते हुए कहा कि किसी को इसके बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं है. सूबे के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पानी का प्राइवेटाइज़ेशन हो ही नहीं सकता.
वीडियो कांफ्रेस के जरिए प्रेस को संबोधित करते हुए उन्होंने जानकारी दी कि दिल्ली सरकार पानी के बेहतर मैनेजमेंट से जुड़ी जानकारी के लिए ‘सलाहकार’ रखने जा रही है जो विकसित देशों की तर्ज पर दिल्ली में 24 घंटे पानी उपलब्ध कराने को लेकर सलाह देगा.
दिल्लीवासियों को 24 घंटे बिजली के साथ-साथ अब मिलेगा 24 घंटे पानी। Press Conference | LIVE https://t.co/hSE3hEhrfs
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) September 26, 2020
सीएम ने कहा, ‘दिल्ली में रोज़ 930 मिलियन गैलन पानी का उत्पादन होता है. यानी हर व्यक्ति के लिए 176 लीटर पानी का उत्पादन रोज़ होता है.’ उन्होंने कहा कि प्रति व्यक्ति 176 अगर ज़्यादा नहीं है तो कम भी नहीं. हालांकि, इसे और बढ़ाने को लेकर दिल्ली सरकार, उत्तर प्रदेश, हिमाचल और उत्तराखंड जैसे राज्यों की सरकारों से बात कर रही हैं. केजरीवाल ने कहा, ‘दिल्ली में जितना पानी है वो कहां जाता है? ये पानी चोरी या लीक हो जाता है.’
पानी चोरी या लीक हो जाने की बात करते हुए उन्होंने कहा कि जो पानी उपलब्ध है उसका मैनेजमेंट ठीक करना है. वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से निकलने वाले पानी की एक-एक बूंद का हिसाब होना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘इसके मैनेजमेंट से जुड़ी सलाह के लिए हम कंसल्टेंट हायर करेंगे. कंसल्टेंट हमें ये भी बताएंगे कि इसके दिल्ली में पानी के मैनेजमेंट के लिए कौन सी लेटेस्ट टेकनॉलजी होनी चाहिए.’
सीएम के मुताबिक दिल्ली में अभी पानी से जुड़ी सारी तकनीक पुराने ज़माने की तकनीक है. कंसलटेंट द्वारा दी जाने वाली सलाह के हिसाब से इसे बदला जाएगा. उन्होंने ये भी कहा कि विपक्ष के लोगों पानी के प्राइवेटाइज़ेशन का डर है. केजरीवाल ने कहा, ‘ये डर ग़लत है. पानी का प्राइवेटाइज़ेशन हो ही नहीं सकता.’
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