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Saturday, 4 May, 2024
होमदेशविहिप की नजर में बॉलीवुड के खान अभिनेताओं की हिंदू पत्नियां, न्यू इयर और बर्थडे पार्टियां ‘लव जिहाद’ फैला रहीं

विहिप की नजर में बॉलीवुड के खान अभिनेताओं की हिंदू पत्नियां, न्यू इयर और बर्थडे पार्टियां ‘लव जिहाद’ फैला रहीं

विहिप ने अपनी पाक्षिक पत्रिका ‘हिन्दू विश्व’ में जिहाद के 147 कथित मामलों को सूचीबद्ध किया है और साथ ही इस मुद्दे पर विभिन्न दक्षिणपंथी लेखकों के 11 लेख प्रकाशित किए हैं.

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नई दिल्ली :‘पश्चिमी तरीके’ से आयोजित होने वालीं बर्थडे पार्टी, नए साल के समारोह, ‘छद्म धर्मनिरपेक्षता’ का पालन करने वाले हिंदू अभिभावक आदि उन कुछ कारणों में शुमार हैं जिससे हिंदू लड़कियां मुस्लिम लड़कों के प्रति ‘आकृष्ट’ होती हैं और बाद में धोखेबाजी के कारण लव जिहाद की शिकार बनती है.

यह सब बातें विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की पाक्षिक पत्रिका हिंदू विश्व में प्रकाशित लेखों में शामिल हैं, जिसका ताजा संस्करण शुक्रवार को जारी किया गया.

कवर स्टोरी का शीर्षक ‘लव जिहाद से देश बचाओ’ रखा गया है. पत्रिका में देशभर में लव जिहाद के 147 कथित मामलों को सूचीबद्ध किया गया है और विभिन्न दक्षिणपंथी लेखकों के इस विषय पर 11 लेख प्रकाशित किए गए हैं.

धर्मांतरण के क्षेत्र में काम कर रही संस्था हिंदू जनजागृति समिति के प्रवक्ता रमेश शिंदे ने अपने एक लेख में कहा कि माता-पिता अपने बच्चों का अच्छी तरह पालन-पोषण नहीं कर रहे और उन्हें ‘पाश्चात्य जीवनशैली’ में ढाल रहे हैं.

शिंदे ने ‘लव जिहाद—विश्व भर में भयंकर षड्यंत्र’ शीर्षक से लिए अपने लेख में कहा है, ‘युवा हिंदू लड़कियों को प्रेम जाल में फंसाना मुश्किल नहीं है क्योंकि उनके माता-पिता पहले से ही धर्मनिरपेक्ष हो गए हैं. वे गंगा-जमुनी तहजीब के छद्म आख्यान और सभी धर्मों के समान होने का बखान करते रहते हैं.’

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उन्होंने आगे जोड़ा, ‘बतौर हिंदू किसी को जिस तरह का आचरण करना चाहिए, वह अब परिवारों से नदारत है. हम पश्चिमी जीवनशैली के गुलाम हो गए हैं. जन्मदिन पर केक काटना, 31 दिसंबर को नए साल का जश्न मनाना और ईसाई धर्म के अनुरूप अन्य चीजों का पालन करना उन्हें अपने अनुपयुक्त नहीं लगता है…. और वे धर्मनिरपेक्ष नजरिये से सोचते रहते हैं और अंतत: ठगे जाते हैं.

शिंदे ने लिखा कि बॉलीवुड का भी बुरा असर पड़ रहा है.


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उन्होंने लिखा, ‘बॉलीवुड भी इसमें बड़ा असर डालता है जहां सभी ‘खान’ अभिनेताओं की पत्नियां हिंदू हैं. इस कारण ही साधारण परिवारों की हिंदू लड़कियों को ठगा जाता है.’

उन्होंने आगे लिखा, ‘आमिर खान खुद को एक आधुनिक और धर्मनिरपेक्ष अभिनेता के रूप में पेश करते हैं, लेकिन वह भी साफ तौर पर कह चुके हैं कि मेरी पत्नी हिंदू हो सकती है, लेकिन मेरा बेटा मुस्लिम ही होगा.’

आरएसएस से संबद्ध संगठन ने कथित लव जिहाद के जिन 147 मामलों को सूचीबद्ध किया है वे 2011 से 2020 के बीच के हैं. कुछ नए मामले उत्तर प्रदेश से जुड़े हैं.

विहिप प्रवक्ता और पत्रिका के संपादक विजय शंकर तिवारी ने लिखा, भारत में लव जिहाद के मामलों में वृद्धि हुई है.

उन्होंने आगे जोड़ा, ‘एक वर्ग जो लव जिहाद चलाता है, वही धार्मिक जिहाद और आतंकवाद भी फैलाता है. इन मुद्दों को अच्छी तरह समझना चाहिए और इसे राष्ट्र के खिलाफ युद्ध मानकर इस पर जल्द से जल्द काबू पाने की आवश्यकता है.’

लेख में कहा-उर्दू शब्द ‘हिन्दी की आत्मा पर हमला’

विहिप प्रवक्ता विनोद बंसल द्वारा लिखे एक अन्य लेख ‘हिन्दी को भी चाहिए संक्रमण से मुक्ति’ में 227 उर्दू शब्दों की एक सूची दी गई है और बताया गया है कि लोग इस बात का अहसास किए बिना ही इनका इस्तेमाल कर रहे हैं कि ये हिंदी शब्द नहीं हैं.

उन्होंने लिखा, ‘मैंने 227 उर्दू शब्दों की एक सूची बनाई है जो हिंदी की आत्मा पर हमला कर रहे हैं… क्या हम ‘अखबार’ की जगह ‘समाचारपत्र’, ‘आबादी’ की जगह ‘जनसंख्या’, ‘आराम’ की जगह ‘विश्राम’, ‘करीब’ की जगह ‘समीप’ का इस्तेमाल नहीं कर सकते.’

वीएचपी के केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने एक बयान में कहा कि लव जिहाद भारत की जनसांख्यिकी पर हमले का सोचा-समझा एजेंडा है.

कुमार ने कहा, ‘पुलिस, सरकार और समाज को सतर्क रहना होगा और इसे निष्क्रिय और प्रभावहीन करने के लिए समय रहते उपयुक्त कदम उठाने के लिए साथ आना होगा.’

उन्होंने इसे एक साजिश करार दिया जिसे ‘कुछ लोगों द्वारा धनबल, साधन/संसाधन और धार्मिक अंधविश्वासों’ के बलबूते अंजाम दिया जा रहा है.

उन्होंने आगे कहा, ‘इसे रोकना नितांत आवश्यक है. पत्रिका में सूचीबद्ध लव जिहाद के 147 मामलों में तथ्यों और आंकड़ों के साथ किया गया अध्ययन समाज की आंखें खोलेगा.’

‘किसी भी लव जिहादी को अपने समुदाय से समर्थन का भरोसा’

कुमार ने कहा कि केरल के मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने 2012 में बताया था कि पिछले तीन सालों में 2,667 हिंदू लड़कियों का इस्लाम में धर्मांतरण हुआ और इस अवधि के दौरान 79 लड़कियां फिर से हिन्दू धर्म में लौट आईं जबकि दो ईसाई धर्म में लौट गईं.

उन्होंने कहा, ‘यह असंतुलन परेशान कर रहा है. किसी भी लव जिहादी को अच्छी तरह पता है कि वह उन पर संदेह न करने वाली लड़कियों (खासकर जो निम्न/मध्यम आय वर्ग से हैं) को हिन्दू लड़के की तरह माथे पर तिलक लगाकर, दाहिने हाथ पर कलावा बांधकर धोखा दें, उन्हें शादी का झांसा देकर फंसाएं और इस्लाम धर्म कबूल कराएं या उनके साथ घूमते-फिरते रहें, उन्हें अपने समुदाय की तरफ से पूरा समर्थन मिलता रहेगा.

कुमार ने यह भी कहा कि हिंदू विश्व ने 147 मामलों पर अपने शोधपरक आंकड़ों के जरिये ‘अखिल भारतीय स्तर पर लव जिहाद की साजिश का पर्दाफाश’ किया है और ये तथ्य अधिकारियों के लिए इस समस्या से निपटने में मददगार होंगे.


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