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Saturday, 16 November, 2024
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केवल असम, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक और हरियाणा ने किया सोमवार से स्कूलों को आंशिक रूप से खोलने का फैसला

हालांकि अनलॉक-4 की गाइडलाइन में स्कूलों को 21 सितंबर से आंशिक रूप से फिर खोलने की अनुमति दे दी गई है लेकिन दिल्ली सहित अधिकांश राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने भारत में कोविड टैली को देखते हुए ऐसा न करने का फैसला किया है.

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नई दिल्ली: लॉकडाउन पाबंदियों में आगामी सोमवार से कुछ और छूट मिलनी शुरू हो जाएगी. गृह मंत्रालय की ओर से इसी महीने जारी अनलॉक-4 गाइडलाइन में स्कूलों को आंशिक रूप से फिर खोलने की अनुमति दी गई है. हालांकि, अभी तक केवल असम, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और कर्नाटक ने ही सोमवार से स्कूल फिर खोलने का फैसला किया है.

कोविड-19 मामलों में लगातार वृद्धि को देखते हुए कई अन्य राज्यों ने फिलहाल फैसला टाल दिया है. यद्यपि दिल्ली और गुजरात ने तो आधिकारिक तौर पर अभी स्कूल न खोलने की घोषणा की है, अन्य राज्यों की तरफ से इस संबंध में सार्वजनिक बयान दिया जाना बाकी है.

अनलॉक-4 के तहत जारी दिशानिर्देशों में स्कूलों को 21 सितंबर से आंशिक रूप से खोलने की अनुमति है. इसमें यह भी कहा गया है कि कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों को मार्गदर्शन के लिए सीमित समय तक ही शिक्षकों के पास रहने की अनुमति होगी. इसके लिए माता-पिता की सहमति अनिवार्य होगी और यह छूट कंटेनमेंट जोन में लागू नहीं होगी.

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की तरफ से 8 सितंबर को जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार परिसर में केवल 50 प्रतिशत शिक्षण/गैर-शिक्षण कर्मचारियों की उपस्थिति की ही अनुमति दी जाएगी और छात्रों के लिए उपस्थिति अनिवार्य नहीं है.

आंशिक तौर पर खुलने वाले स्कूलों को अपनी गतिविधियां तय करनी होंगी और छात्रों और शिक्षकों के बीच जहां भी संभव हो 6 फीट की शारीरिक दूरी सुनिश्चित करते हुए बैठने की व्यवस्था करनी होगी.

असेंबली, स्पोर्ट्स जैसी एक जगह पर ज्यादा लोगों के जुटने वाली गतिविधियों को सख्ती से प्रतिबंधित किया गया है.

भारत में शनिवार तक कोविड-19 के कुल मामलों की संख्या 10,13,964 हो चुकी है और 85,619 मौतें दर्ज की गई हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, अब तक कुल 42,08,431 मरीज ठीक हो चुके हैं.


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‘हमने विस्तृत एसओपी जारी की है’

असम माध्यमिक शिक्षा उप निदेशक रूमी चौधरी ने दिप्रिंट से बातचीत में पुष्टि की कि स्कूल सोमवार से फिर खुल रहे हैं. चौधरी ने कहा, ‘राज्य में कुछ नियमों के साथ स्कूल सोमवार से फिर खुल रहे हैं. हमने स्कूलों के लिए एक विस्तृत एसओपी जारी किया है.’

राज्य की एसओपी, जिसकी एक प्रति दिप्रिंट के पास मौजूद है, केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों को दोहराने के साथ कुछ अन्य बिंदुओं को भी जोड़ती है. इनमें से एक में कहा गया है कि 11वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए ‘कक्षाएं’ सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को होंगी, जबकि 9वीं और 10वीं कक्षा के लोग मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को अपने शिक्षकों का मार्गदर्शन हासिल कर सकेंगे.

एसओपी के मुताबिक एक समय में एक कक्षा में 20 से अधिक छात्र नहीं बैठ सकेंगे और स्कूल दो पालियों में चलेगा–सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक और दोपहर 1 बजे से शाम 4 बजे तक.

जम्मू और कश्मीर ने भी समान दिशा-निर्देशों के साथ सोमवार से स्कूलों को फिर खोलने को हरी झंडी दिखा दी है.

समाचार एजेंसी एएनआई ने शनिवार को खबर दी कि स्कूल कोविड की रोकथाम के लिए सामाजिक दूरी, सैनिटाइजर और फेस मास्क जैसे उपायों के साथ स्कूल फिर से खोलने की तैयारी कर रहे हैं.

राज्य शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने स्पष्ट किया कि कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों का स्कूल आना उनकी मर्जी पर निर्भर करेगा, अगर उनके माता-पिता अनुमति देते हैं.

हरियाणा सरकार ने इस हफ्ते के शुरू में ही स्कूलों को फिर खोलने के अपने फैसले की जानकारी दे दी थी. राज्य के दिशानिर्देशों के तहत शिक्षकों के लिए आसपास कोविड-19 मामलों की जानकारी देने वाले सरकारी एप आरोग्य सेतु को डाउनलोड करना और ड्यूटी के लिए रिपोर्टिंग से पहले कोरोनोवायरस टेस्ट कराना अनिवार्य है.

दक्षिणी राज्यों में कर्नाटक अकेले ऐसा राज्य है जिसने अब तक स्कूलों को आंशिक रूप से खोलने की अनुमति दी है. राज्य के प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री सुरेश कुमार ने शुक्रवार को कहा कि उच्च कक्षाओं के छात्र अपने स्कूल जाकर अपने संदेहों पर शिक्षकों का मार्गदर्शन ले सकते हैं, लेकिन नियमित कक्षाएं अभी शुरू नहीं होंगी.


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कोविड के जोखिम को लेकर अन्य राज्य/केंद्र शासित प्रदेश चिंतित

तमाम राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने स्कूल फिर खोलने से परहेज किया है, और अपने इस फैसले के लिए कोविड-19 संक्रमण के जोखिम का हवाला दिया है.

दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को एक नोटिस जारी कर कहा कि सभी सार्वजनिक और निजी स्कूल 5 अक्टूबर तक बंद रहेंगे. शिक्षा निदेशालय (डीओई) की तरफ से जारी एक आधिकारिक आदेश में कहा गया है, ‘हालांकि, ऑनलाइन शिक्षण और शिक्षण गतिविधियां पूर्ववत जारी रहेंगी.’

गुजरात सरकार ने भी फिलहाल स्कूल बंद रखने का फैसला किया है. राज्य के शिक्षा मंत्री भूपेंद्र सिंह चुडास्मा ने बुधवार को कहा था, ‘केंद्र ने स्पष्ट कर रखा है कि राज्यों के लिए इन एसओपी को 21 सितंबर से लागू करना अनिवार्य नहीं है. यदि छात्र एक जगह पर एकत्र होते हैं तो वायरस फैलने का जोखिम है. छात्रों के लिए वर्तमान स्थिति में स्कूल आना-जाना ठीक नहीं है.’

केरल में, रिपोर्ट बताती हैं कि राज्य सरकार अक्टूबर-अंत तक स्कूलों को खोलना नहीं चाहती, हालांकि, पिनराई विजयन सरकार ने अभी इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं की है.

इस बीच, कांग्रेस सांसद अहमद पटेल ने शनिवार को राज्यसभा में बोलते हुए डिजिटल पाठ्य सामग्री को लेकर छात्रों के साथ भेदभाव का मुद्दा उठाया, और सरकार से इस पूरी व्यवस्था के आकलन के लिए एक टास्क फोर्स बनाने का आग्रह किया.

उन्होंने कहा, ‘पिछले छह महीनों से स्कूल बंद हैं और कई सार्वजनिक और निजी स्कूल ऑनलाइन कक्षाएं चला रहे हैं. और, यह कई बार फीस लेना जायज ठहराने के लिए होता है. यह आर्थिक रूप से पिछड़े परिवारों पर अत्यधिक मानसिक और वित्तीय बोझ डाल रहा है.’

उन्होंने आगे कहा, ‘गरीब लोगों के घरों में या तो लैपटॉप या कंप्यूटर नहीं है, और अगर उनके पास एक स्मार्टफोन है भी तो यह आमतौर पर परिवार के कई सदस्यों के बीच साझा होता है. डिजिटल इंडिया को अमीर और गरीब के बीच डिजिटल खाई का साधन नहीं बनना चाहिए.


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(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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