नई दिल्ली: कृषि से संबंधित तीन विधेयकों को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने ‘किसान-विरोधी’ बताते हुए बृहस्पतिवार को केंद्र से इन्हें वापस लेने की मांग की. उन्होंने कहा कि संसद में आप इन विधेयकों के खिलाफ मतदान करेगी.
खेती और किसानों से संबंधित तीन क़ानून संसद में लाए गए हैं जो किसान विरोधी हैं। देश भर में किसान इनका विरोध कर रहे हैं। केंद्र सरकार को इन तीनों क़ानूनों को वापस लेना चाहिए। आम आदमी पार्टी संसद में इनके विरोध में वोट करेगी।
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) September 17, 2020
राज्यसभा में आप के तीन सांसद और लोकसभा में एक सांसद हैं.
केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘खेती और किसानों से संबंधित तीन विधेयक संसद में लाए गए हैं जो किसान विरोधी हैं. देशभर में किसान इनका विरोध कर रहे हैं. केंद्र सरकार को इन तीनों विधेयकों को वापस लेना चाहिए. आम आदमी पार्टी संसद में इनके विरोध में वोट करेगी.’
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार संसद के मौजूदा मानसून सत्र में सोमवार को किसानों से संबंधित किसान उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विधेयक, मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा पर किसान (सशक्तीकरण और संरक्षण) समझौता विधेयक तथा आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, 2020 लेकर आई है. आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक मंगलवार को लोकसभा में पारित हो गया.
ये विधेयक किसानों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य दिलाने, कृषि उपज के बाधा मुक्त व्यापार को सक्षम बनाने के साथ ही किसानों को अपनी पसंद के निवेशकों के साथ जुड़ने का मौका प्रदान करने से संबंधित हैं.
भाजपा पर लगाया कोरोनाकाल में भ्रष्टाचार का आरोप
राज्यसभा में बृहस्पतिवार को विभिन्न दलों के सदस्यों ने कोविड-19 महामारी से सामूहिक रूप से निपटने और परस्पर दोषारोपण से बचने पर जोर दिया. वहीं आप ने आरोप लगाया कि भाजपा शासित कई राज्यों में इस महामारी के दौरान घोटाले हुए.
विपक्षी सदस्यों ने केंद्र से मांग की कि राज्यों को उनके जीएसटी बकाए का भुगतान किया जाए ताकि वे संकट की इस घड़ी का और बेहतर तरीके से मुकाबला कर सकें.
कोविड-19 के संबंध में स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन द्वारा सदन में दिए गए एक बयान पर हो रही चर्चा में भाग लेते हुए आप के संजय सिंह ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में इस ‘आपदा को अवसर’ बनाते हुए घोटाले किए गए हैं. उन्होंने दावा किया कि आक्सीमीटर और थर्मामीटर खरीदने तक में घोटाले हुए.
सिंह ने कहा कि भ्रष्टाचार के आरोप में ही भाजपा के एक प्रदेश अध्यक्ष को गिरफ्तार किया गया है.
उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष ने आरोप लगाया है कि विपक्ष ने कई मौके पर साथ नहीं दिया. उन्होंने ताली और थाली बजाने तथा दीप जलाने जैसे कार्यक्रमों का उपहास करते हुए इन्हें ‘मूर्खतापूर्ण’ कदम बताया.
उन्होंने कहा कि इस कोरोना संकट के दौरान दिल्ली सरकार ने अनुकरणीय काम किया और दुनिया भर में दिल्ली मॉडल की चर्चा हो रही है.
शिवसेना सदस्य संजय राउत ने कहा कि हमने कभी नहीं सोचा था कि ऐसी महामारी आएगी. उन्होंने कहा कि जिसके परिवार का कोई सदस्य इस बीमारी से पीड़ित हुआ है, उसका दुख समझा जा सकता है.
उन्होंने कहा कि उनकी मां और छोटा भाई भी कोरोना वायरस से संक्रमित हैं और आईसीयू में हैं. उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों को जनता के बीच जाने की जरूरत होती ही है.
राउत ने कहा कि यह राजनीतिक लड़ाई नहीं बल्कि जिंदगी बचाने की लड़ाई है. इसमें हमें परस्पर दोषारोपण से बचना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस संकट के दौरान भी महाराष्ट्र सरकार की निंदा व खिंचाई की गयी. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री और पूर्व क्रिकेटर चेतन चौहान की इसी बीमारी के कारण मौत हो गयी. उन्होंने कहा कि प्रदेश के ही एक नेता ने दावा किया था कि वहां अव्यवस्था के कारण चेतन चौहान की मौत हो गयी.
राउत ने कहा कि धारावी जैसे बड़े क्षेत्र में हमने काफी हद तक संक्रमण पर काबू पा लिया है. इसके लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी नगर निकाय बीएमसी की पीठ थपथपायी है. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की आलोचना करने वाले लोगों को समझना चाहिए कि बड़ी संख्या में वहां लोग ठीक भी हुए हैं.