कोलकाता: बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कोलकाता की विशेष एनआईए कोर्ट में पश्चिम बंगाल की एक तथाकथित लश्करे तैयबा ऑपरेटिव, 21 वर्षीय तानिया परवीन के खिलाफ, 850 पन्नों की चार्जशीट दाख़िल की.
नॉर्थ 24 परगना ज़िले के बदूरिया की निवासी, और कोलकाता के मौलाना आज़ाद कॉलेज की छात्रा, परवीन को पश्चिम बंगाल पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने मार्च में गिरफ्तार किया था, जिन्हें ख़ुफिया एजेंसियों ने गुप्त जानकारी दी थी.
वो कथित रूप से ‘सोशल मीडिया पर 70 जिहादी ग्रुप्स’ के अलावा, कुछ फिलिस्तीनी और सीरियन जिहादी ग्रुप्स की भी सदस्य थी. एनआईए का कहना है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने उसे ये काम दिया था कि भारतीय सशस्त्र बलों के कार्मिकों से ‘दोस्ती’ करके उनसे रणनीतिक जानकारियां हासिल करे.
एनआईए के एक सूत्र ने दिप्रिंट को बताया कि चार्जशीट के 90 प्रतिशत हिस्से- क़रीब 780 पन्ने, बातचीत के ट्रांसक्रिप्ट्स और परवीन व उसके पाकिस्तान स्थित हैण्डलर्स के बीच कथित संदेशों के आदान-प्रदान से भरे हैं. चार्जशीट में कहा गया है कि वो, लाहौर स्थित अपने हैण्डलर्स के लगातार संपर्क में थी और आईएसआई में उसका परिचय एक ‘स्थानीय भर्ती’ के तौर पर कराया गया था.
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‘वो पूरी तरह कट्टर बन चुकी है’
एनआईए के वकील श्यामल घोष ने दिप्रिंट को बताया कि एजेंसी ने समय से पहले ही चार्जशीट फाइल कर दी है, क्योंकि ये केस बहुत महत्वपूर्ण है.
घोष ने कहा, ‘हम जल्द ही आरोप तय करेंगे. उसके खिलाफ यूएपीए की धाराएं भी लगाई गई हैं. एलईटी ऑपरेटिव्ज़ को भेजे गए, उसके संदेशों की प्रतिलिपियों से पता चलता है, कि ये कोई मामूली मामला नहीं था. वो पूरी तरह कट्टर हो चुकी है’.
ऊपर हवाला दिए गए एनआईए सूत्र ने ये भी कहा, कि परवीन को एक ऑनलाइन मॉड्यूल चलाने, और सोशल मीडिया के ज़रिए, ‘दिलचस्पी रखने वाले समर्पित’ युवाओं को, भर्ती करने का ज़िम्मा दिया गया था. एजेंसी अभी भी उस ऑनलाइन मॉड्यूल पर काम कर रही है.
परवीन ऐसे इलाक़े से आती है जहां जुलाई 2017 में, बंगाल के कुछ सबसे ख़राब सांप्रदायिक दंगे देखे गए थे. ये दंगे एक सोशल मीडिया पोस्ट से भड़के थे, और कई दिन तक चले थे.
पुलिस एसटीएफ के सूत्रों ने बताया, कि परवीन पर इन घटनाओं का असर पड़ा, और वो पिछले साल फेसबुक के ज़रिए, एलईटी के सोशल मीडिया ग्रुप्स में शामिल हो गई, ये कहते हुए कि उसके अंदर ‘कश्मीर के लिए एक अजीब सा प्यार और जुड़ाव’ है.
वकील घोष ने आगे कहा कि शुरूआती सुनवाईयों में, परवीन के परिवार ने उसके लिए कोई वकील नियुक्त नहीं किया, लेकिन अंत में बृहस्पतिवार को कर लिया.
उन्होंने कहा, ‘वो जान-बूझकर सोशल मीडिया पर, जिहादी गतिविधियों में हिस्सा ले रही थी. तहक़ीक़ात अभी चल रही हैं’.
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