बंदा असेह (इंडोनेशिया): इंडोनेशिया के असेह प्रांत के एक तट पर सोमवार को करीब 300 रोहिंग्या मुस्लिम मिले और उन्हें सेना, पुलिस तथा रेड क्रॉस के स्वयंसेवियों ने वहां से सुरक्षित निकाला.
बांदा सकती उपजिला सैन्य कमांडर रोनी महेंद्र ने कहा कि यह समूह एक नौका से उजोंग ब्लांग तट पर पहुंचा और स्थानीय निवासियों ने उनकी मौजूदगी की जानकारी दी. वहां पहुंचे अधिकारियों ने पाया कि तट पर उतरने के बाद समूह तीन हिस्सों में बंटकर इधर-उधर जाने लगे.
महेंद्र ने कहा, ‘हमने उनको समझाया-बुझाया और स्थानीय निवासियों से उनके दोबारा एकत्र होने तक मदद करने को कहा.’
उन्होंने कहा कि 181 महिलाएं, 100 पुरुष और 14 बच्चों को शरण दी गई और उन्हें स्थानीय लोगों, स्थानीय पुलिस के अधिकारियों और सेना एवं स्वास्थ्य प्रादाताओं से मदद दी गई.
महेंद्र ने कहा, ‘हम अब भी अपने पर्यवेक्षकों से आगे के निर्देश मिलने का इंतजार कर रहे हैं.’
जून में, इंडोनेशियाई मछुआरों ने इंडोनेशिया के पश्चिमी प्रांत, असेह में लकड़ी की एक नौका पर 94 भूखे कमजोर रोहिंग्या मुस्लिमों को इधर-उधर भटकते देखा था.
लाखों रोहिंग्या मुसलमान सैन्य कार्रवाई के चलते बौद्ध बहुल म्यामां छोड़कर चले गए थे और इनमें से कई बांग्लादेश के भीड़-भाड़ वाले शरणार्थी शिविरों में रह रहे हैं.
अधिकार कार्यकर्ताओं को भय है कि म्यामां में जारी दमन और बांग्लादेश के शिविरों में आ रही दिक्कतों की वजह से समुद्र के रास्ते इधर-उधर चले गए हैं.